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सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई पुलिस को दी परमबीर के खिलाफ जांच की अनुमति, उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने पर भी लगाई रोक

परमबीर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पुनीत बाली ने शीर्ष अदालत को बताया कि पूर्व पुलिस आयुक्त के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई कर रही है। मेरे मुवक्किल इस अदालत के आदेश पर जांच में शामिल हुए।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 04:24 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 04:44 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई पुलिस को दी परमबीर के खिलाफ जांच की अनुमति, उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने पर भी लगाई रोक
शीर्ष अदालत ने कहा कि यह सिर्फ पूर्वाग्रह की संभावना की चिंता से है

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मुंबई पुलिस को पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ जांच जारी रखने की अनुमति प्रदान कर दी और कदाचार व भ्रष्टाचार के आरोपों पर उनके खिलाफ दर्ज एफआइआर पर आरोप पत्र दाखिल करने पर रोक लगा दी। साथ ही शीर्ष अदालत ने परमबीर की अंतरिम संरक्षण की अवधि भी 11 जनवरी, 2022 तक बढ़ा दी। मामले में अगली सुनवाई भी उसी दिन होगी।

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जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमएम सुंद्रेश की पीठ ने इस मुद्दे पर सीबीआइ को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया कि जांच उसे सौंपी जाए या नहीं। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह सिर्फ पूर्वाग्रह की संभावना की चिंता से है। सीबीआइ की ओर से पेश सालिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने कहा कि एफआइआर भी केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपी जानी चाहिए और वह इस बारे में हलफनामा दाखिल करेंगे।

महाराष्ट्र की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस कंबट्टा ने कहा कि परमबीर की याचिका विभागीय जांचों के खिलाफ एक सेवा विवाद थी जिसकी सुनवाई केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के समक्ष होनी चाहिए। पीठ ने कहा, 'उनकी सेवा इत्यादि के बारे में आपके क्या आरोप हैं, उससे आपको लेना-देना है। लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण संदेशों में से एक है। हमारी सिर्फ एक ही चिंता होनी चाहिए कि अन्य मामलों के संबंध में सीबीआइ विचार करे अथवा नहीं।'

परमबीर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पुनीत बाली ने शीर्ष अदालत को बताया कि पूर्व पुलिस आयुक्त के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई कर रही है। मेरे मुवक्किल इस अदालत के आदेश पर जांच में शामिल हुए। उनके खिलाफ सभी गैर-जमानती वारंट रद हो गए हैं। उसके बाद उन्होंने (महाराष्ट्र) एक एफआइआर पर आरोप पत्र दाखिल कर दिया। यह शिकायत उस व्यक्ति ने दाखिल की थी जिसके खिलाफ मेरे मुवक्किल ने कार्रवाई की थी। उसके बाद उन्होंने मेरे मुवक्किल को निलंबित कर दिया। महाराष्ट्र शीर्ष अदालत के आदेश को विफल करने की कोशिश कर रहा है। शीर्ष अदालत ने इसका संज्ञान लेते हुए मुंबई पुलिस के आरोप पत्र दाखिल करने पर रोक लगा दी।


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