अहम सवाल : कितने पुराने नोट वापस हुए
इसके पीछे असली वजह नोट वापसी की पूरी प्रक्रिया के बेहद उलझे हुए होने को बताया जा रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । आरबीआइ और बैंकों के असमंजस और विरोधाभाषी बयानों ने पुराने नोटों को लेकर दुविधा बढ़ा दी है। इस सवाल का जवाब देना मुश्किल हो रहा है कि आखिरकार अभी तक बाजार से 500 व 1000 रुपये के कितने पुराने नोट वापस हुए हैं। हर एजेंसी इस सवाल का अलग अलग जवाब दे रही है लेकिन हकीकत यह भी है कि अभी तक इस बारे में कोई ठोस आंकड़ा पेश नहीं किया जा सका है। इसके पीछे असली वजह नोट वापसी की पूरी प्रक्रिया के बेहद उलझे हुए होने को बताया जा रहा है।
आरबीआइ गवर्नर उर्जित पटेल ने बुधवार को वार्षिक मौद्रिक नीति की समीक्षा करने के अवसर पर बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रचलन से बाहर किये गये 500 व 1000 रुपये के 11.55 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट बैंकों में जमा किये जा चुके हैं। लेकिन उसी दिन वित्त मंत्रालय में काले धन को निकालने को लेकर तमाम जांच एजेंसियों की बैठक में यह बताया गया कि बैंकों में लौटी रकम 12.50 लाख करोड़ रुपये है। लेकिन सरकार के स्तर पर यह अनिश्चितता यही खत्म नहीं हुई बल्कि देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक की प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्या ने नोट वापसी के दिए गए आंकड़ों पर ही सवाल खड़ा कर दिया। उनके मुताबिक हो सकता है कि इसमें दोहराव शामिल हो और वास्तविक आंकड़ा 15 फीसद तक कम हो सकता है।
सरकार को भी इस बात का अंदाजा होने लगा है कि बाजार से सारे पुराने नोट वापस हो सकते हैं या उसकी उम्मीद से ज्यादा नोट वापस सिस्टम में लौट सकते हैं। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया के साथ बातचीत में इस बात को स्वीकार किया कि पहले जहां हमें उम्मीद थी कि तीन लाख करोड़ रुपये तक की राशि नहीं आएगी वही अब इस बात की संभावना है कि सारे नोट वापस आ जाए।
इस संभावना को देख कर ही पिछले एक हफ्ते से आय कर विभाग के साथ ही स्थानीय प्रशासन और प्रवर्तन निदेशालय को भी काले धन को पकड़ने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद कर दिया गया है। अभी तक 2100 करोड़ रुपये के काले धन का खुलासा भी हो गया है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक बैंक में रकम जमा कराने का यह मतलब भी नहीं है कि सारा धन सफेद हो गया है। जन धन खातों से लेकर पेंशन खातों व अन्य तरीकों से काले धन को सफेद करने का काम हुआ है और सरकार इन सभी का पता लगाने में जुटी हुई है।
सनद रहे कि 08 नवंबर, 2016 को नोट बंदी की घोषणा करने के वक्त यह बताया गया था कि 14.5 लाख करोड़ रुपये के पुराने नोट बाजार में है। सरकार को उम्मीद थी कि इसमें से 3 लाख करोड़ रुपये की राशि नहीं आएगी। पहले 30 दिनों के भीतर 11.5-12.5 लाख करोड़ रुपये की राशि वापस आ चुकी है। अभी 22 दिन बाकी हैं।