माइक्रो फाइनेंस कंपनियों का बड़ा फर्जीवाड़ा, पांच हजार महिलाओं के नाम पर लिया 20 करोड़ से अधिक का कर्ज
करीब पांच हजार महिलाएं ठगी का शिकार हुई हैं। प्रत्येक महिला के नाम पर औसतन 40 हजार रुपये का कर्ज लिया गया है। इसमें से कुछ से सिर्फ दस्तावेज लिए गए तो कुछ से हस्ताक्षर कराकर उनके नाम पर कर्ज के बदले पांच से छह हजार रुपये दिए गए।
असीम सेनगुप्ता/अंबिकापुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले की कामकाजी आदिवासी महिलाएं 20 करोड़ से भी अधिक के कर्ज में डूब गई हैं। माइक्रो फाइनेंस कंपनियों ने दलालों के माध्यम से महिलाओं के नाम पर ऋण स्वीकृत कराकर बड़ा फर्जीवाड़ा किया है। प्रारंभिक जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने कंपनियों को नोटिस जारी किया है। पुलिस ने अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
माइक्रोफाइनेंस कंपनियों पर नियमों के विपरीत ऋण स्वीकृत करने का आरोप
सरगुजा संभाग के अंबिकापुर, बलरामपुर, सूरजपुर, जशपुर और बैकुंठपुर की करीब पांच हजार महिलाएं ठगी का शिकार हुई हैं। प्रत्येक महिला के नाम पर औसतन 40 हजार रुपये का कर्ज लिया गया है। इसमें से कुछ से सिर्फ दस्तावेज लिए गए तो कुछ से हस्ताक्षर कराकर उनके नाम पर कर्ज के बदले पांच से छह हजार रुपये दिए गए। गांव-गांव से धोखाधड़ी की शिकार विभिन्न स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अंबिकापुर में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से लिखित शिकायत की है। इसमें ग्राम रेवापुरा गांव मंगली बाई व सुंदरी कंवर और ग्राम पिसकालो शांति बाई भी शामिल हैं।
दलालों ने उनसे सहायता मांगते हुए पहले प्रलोभन दिया था। उन्हें समझाया कि उनके नाम पर कर्ज लेकर अन्य काम में लगाएंगे तथा स्वीकृत कर्ज में से पांच से छह हजार रुपये उन्हें देंगे। कर्ज की किस्तों का वही (दलाल) भुगतान करेंगे। महिलाएं झांसे में आ गई। जब महिलाओं को कर्ज वापसी के लिए नोटिस मिलने शुरू हुए तो ठगी की शिकायत लेकर प्रशासन के पास पहुंचीं। गड़बड़ी का पता चलने पर प्रशासन ने 25 माइक्रो फाइनेंस कंपनियों को नोटिस जारी कर दस्तावेज के साथ तलब किया है। महिलाओं को राहत देने के लिए इन कंपनियों और उनके दलालों की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
नोटिस के बाद उजागर हुआ मामला
माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा ऋण अदायगी का नोटिस जारी होने के बाद महिलाओं से धोखाधड़ी पता चला। फर्जीवाड़े में दरिमा निवासी राजेश गुप्ता की संलिप्तता के प्रमाण मिले हैं। उसने स्टांप के जरिए कर्ज भुगतान करने का वादा किया था। राजेश के साथ चार अन्य की गिरफ्तारी हो चुकी है।
अफसरों की प्रतिक्रिया
सरगुजा के डीएम संजीव झा ने कहा कि प्रारंभिक जांच से लगता है कि कर्ज देने से पहले प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। एक ही आधार कार्ड पर एक से अधिक ऋण स्वीकृत किए गए हैं। मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी गई है।
सरगुजा के एसपी टीआर कोसीमा ने कहा कि माइक्रोफाइनेंस कंपनियों की भूमिका संदिग्ध है। अभी तक चार आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। गिरफ्तार आरोपितों की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं ।