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मोदी सरकार का बड़ा फैसला, देश में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े शोध को लगेंगे पंख

देश में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में शोध करने वालों लोगों की संख्या करीब 386 ही है जबकि पूरी दुनिया में इससे जुड़े 22 हजार से ज्यादा शोधकर्ता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 10:06 PM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 10:06 PM (IST)
मोदी सरकार का बड़ा फैसला, देश में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े शोध को लगेंगे पंख
मोदी सरकार का बड़ा फैसला, देश में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े शोध को लगेंगे पंख

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में भारत अब एक बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है। यही वजह है कि सरकार ने इससे जुड़े शोध को बढ़ावा देने का काम मिशन मोड में शुरु किया है। इसके तहत आने वाले पांच सालों में करीब 12 हजार लोगों को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें पीएचडी सहित इससे जुड़े अन्य शोध कार्य करने वाले शामिल होंगे। इसके साथ ही इन पांच सालों में इस पर करीब 36 सौ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को बढ़ावा देने की जरुरत- मोदी

खासबात यह है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) को लेकर यह सारी कवायद प्रधानमंत्री की रुचि के बाद तेज हुई है। कई मौकों पर वह इसे बढ़ावा देने की जरुरत पर जोर दे चुके है। फिलहाल मौजूदा समय में देश में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में शोध करने वालों लोगों की संख्या करीब 386 ही है, जबकि पूरी दुनिया में इससे जुड़े 22 हजार से ज्यादा शोधकर्ता है।

दुनिया भर में भारत अपना दबदबा कायम करना चाहता है

यही वजह है कि भारत ने इस क्षेत्र में बड़ी संभावनाओं को देखते हुए अपनी मुहिम तेज की है। वह इस क्षेत्र में दुनिया भर में अपना दबदबा कायम करना चाहता है। सरकार इससे जुड़े शोध को लेकर अपनी पूरी ताकत से जुटी हुई है। मिशन के पहले ही साल यानि चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में इसके लिए 124 करोड़ का बजट दिया गया है।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े शोध को बढ़ावा देगी मोदी सरकार

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पिछले दिनों इससे जुड़ी एक रिपोर्ट संसद को भी दी है। जिसके तहत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े शोध को बढ़ावा देने के लिए शुरु किए गए मिशन को एनएम-आईसीपीएस ( नेशनल मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनअरी साइबर-फिजिकल सिस्टम) नाम दिया गया है। इसके अलावा इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भी इस क्षेत्र में हाथ बंटा रहा है। विश्वेश्वरैया पीएचडी स्कीम के तहत शोध करने वालों को इलेक्ट्रानिक्स मंत्रालय भी सहायता दे रहा है।

बेहतर शोध करने वाले शैक्षणिक संस्थान भी शामिल

वहीं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इसे लेकर शुरु किए गए मिशन के तहत बेहतर शोध करने वाले शैक्षणिक संस्थानों को भी शामिल किया है। इसे लेकर देश में 25 इनोवेशन हब भी स्थापित किए है। जहां शोधार्थी गुणवत्तापूर्ण काम कर सकते है। बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से रोबोट या उसकी तहत कृत्रिम बुद्धिमता वाली मशीनें तैयार की जाती है।


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