मोदी सरकार का बड़ा फैसला, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के बजट में की गई छह गुना की बढ़ोत्तरी
केंद्र शासित राज्य होने से पहले लद्दाख के लिए 2018-19 में गृह मंत्रालय की ओर से 1172 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था।
नई दिल्ली, एएनआइ। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से अनुच्छेद 370 को हटाए एक साल पूरे हो गए हैं। दोनों को पिछले साल ही केंद्र शासित राज्य भी बनाया गया था। वहीं, अब केंद्र सरकार ने लद्दाख के विकास के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए बजट में इस बार छह गुना रुपये की वृद्धि की गई है। 2018-19 में गृह मंत्रालय की ओर 1172 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था। इस बार केंद्र सरकार की ओर लद्दाख के लिए यह बजट राशि बढ़ाकर 2020-21 में 5,958 करोड़ रुपये कर दी गई है।
इस बजट में कारगिल में एयरपोर्ट बनाने के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके साथ ही कारगिल-झांसकर हाईवे की मरम्मत के लिए 1921 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वहीं, लद्दाख में कृषि क्षेत्र के लिए 20 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।
बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद और लद्दाख को केंद्र शासित राज्य बनाए जाने के बाद अब यह जम्मू-कश्मीर का पुछल्ला नहीं रह गया है, बल्कि अब इस क्षेत्र को पंख लग गए हैं। इस केंद्रशासित प्रदेश में अब इंटरनेट सेवाएं भी बहाल हो गई हैं। अलग राज्य के रूप में यह क्षेत्र भले ही 31 अक्टूबर, 2019 को अस्तित्व में आया हो, लेकिन इसके परिणाम काफी प्रभावशाली रहे हैं। फरवरी 2020 से पूरे लद्दाख में चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हुई है। यहां तक कि दूर-दराज के इलाकों में भी बिजली मुहैया कराई गई है।
केंद्र सरकार की ओर से लद्दाख में विकास की गति को तेज करने के लिए एक नए, गतिशील और जीवंत लद्दाख का खाका तैयार किया गया है। स्थानीय परंपराओं वाली चिकित्सा पद्धति सोवारिग्पा को प्रोत्साहन देने के लिए यहां एक शोध संस्थान स्थापित किया जा रहा है ताकि तिब्बती चिकित्सा के प्रशिक्षित चिकित्सक तैयार हो सकें। लद्दाख विश्वविद्यालय भी शुरू हो गया है। एक होटल प्रबंधन संस्थान बन रहा है। एक मेडिकल कॉलेज की मंजूरी भी मिल गई है।