'भ्रष्टाचार से लड़ने में भारत से बेहतर भूटान'
दुनिया के 170 देशों में भ्रष्टाचार का स्तर पता लगाने वाली ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल के पूर्व भारत शाखा प्रमुख डॉ. एसके अग्रवाल ने भ्रष्टाचार से लड़ने में भारत के मुकाबले भूटान को कहीं बेहतर बताया है।
बरेली। दुनिया के 170 देशों में भ्रष्टाचार का स्तर पता लगाने वाली ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल के पूर्व भारत शाखा प्रमुख डॉ. एसके अग्रवाल ने भ्रष्टाचार से लड़ने में भारत के मुकाबले भूटान को कहीं बेहतर बताया है। संस्था की रिसर्च के हवाले से दावा किया, एशिया में सबसे कम भ्रष्ट सिंगापुर और विश्व स्तर पर फिनलैंड है। इस समय भारत 85 वें स्थान पर है।
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शहर में रामपुर गार्डेन स्थित रिश्तेदार के घर आए अग्रवाल भारतीय विदेश सेवा से रिटायर होने के बाद वर्ष 2000 से लगातार 13 साल ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल के वाइस प्रेसीडेंट रहे। वर्ष 2014 में प्रेसीडेंट होकर पिछले साल सेवानिवृत्त हुए। दैनिक जागरण से गुरुवार को खास बातचीत में उन्होंने मोदी सरकार की ओर से केंद्रीय सेवाओं में वित्तीय और प्रशासनिक अनुशासन सुनिश्चित करने की दिशा में चल रहे कार्य को शुभ संकेत बताया। कहा कि भ्रष्टाचार कोई बिजली का स्विच नहीं है जिसे एक झटके में ऑफ किया जा सकता है। आजादी के 68 साल में पनपा भ्रष्टाचार एक सतत प्रक्रिया से ही खत्म हो सकता है। देश में भ्रष्टाचार बढ़ने के उन्होंने कई कारण बताए।
भारत में आसान नहीं भ्रष्टाचार रोकना
उन्होंने बताया, संस्था से जारी अच्छी रैकिंग प्राप्त दुनिया के अधिकांश देश छोटे हैं। आबादी कम है। साथ ही केंद्रीय शासन प्रणाली है। वहां भ्रष्टाचार को काबू में करना आसान है, मगर भारत बड़ा देश है। केंद्र और राज्य सरकार में अक्सर पटती नहीं है। इससे भ्रष्टाचार दूर करने को लेकर केंद्र व राज्य सेवाओं में एक समान एजेंडा काम नहीं करता।
बिहार सबसे भ्रष्ट, केरल सबसे कम
उन्होंने बताया कि वर्ष 2006 में संगठन ने भारत के राज्यों में भ्रष्टाचार का अध्ययन किया तो केरल में सबसे कम स्तर रहा, जबकि बिहार में सबसे ज्यादा। उप्र बिहार से दो पायदान नीचे है। साफ है, जहां शिक्षा का स्तर ऊंचा है वहां भ्रष्टाचार कम है। दूसरी बात सरकारी या निजी सेक्टर में एकाधिकार है। चंद लोग सर्विस प्रोवाइडर बने बैठे हैं। इससे भी भ्रष्टाचार बढ़ रहा है।