स्मार्ट सिटी की पहली सूची में उप्र और बिहार को नहीं मिली जगह
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने पहले 20 शहरों के नाम तय कर दिये है। इन शहरों के नामों के एलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना ने गति पकड़ ली है।
नई दिल्ली। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने पहले 20 शहरों के नाम तय कर दिये हैं। लेकिन पहली लिस्ट में यूपी और बिहार के शहरों को निराशा हाथ लगी है। पहली लिस्ट में महाराष्ट्र के तीन शहरों, मध्य प्रदेश के तीन शहरों, राजस्थान के दो शहरों, गुजरात के दो शहरों को जगह हासिल करने में कामयाबी हाथ लगी है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश से दो शहर, उड़ीसा से एक शहर, तमिलनाडु से दो शहर, कर्नाटक से एक शहर, केरल से एक शहर और असम से एक शहर जगह बनाने में कामयाब रहे।
इन शहरों के नामों के एलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना ने गति पकड़ ली है। शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत के इतिहास में आज का दिन बेहद ही खास है। स्मार्ट शहरों को एक आदर्श मानक के तौर पर किया जायेगा।
जिन शहरों को स्मार्ट सिटी के तौर पर चुना गया है वो कुछ इस तरह से हैं-
भुवनेश्वर, पुणे, जयपुर, सूरत, कोच्चि, अहमदाबाद, जबलपुर, विशाखापत्तनम शामिल हैं। इसके अलावा शोलापुर, देवगिरी, इंदौर, कोयंबटूर, काकीनाडा, बेलगाम, उदयपुर, गुवाहाटी, चेन्नई, लुधियाना, भोपाल, नई दिल्ली शामिल है।
चुने गए शहरों को किस तरह से फायदा मिलेगा आइए जानते हैं-
बजट: सरकार ने स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 6,000 करोड़ का फंड मंजूर किया है। प्रोजेक्ट के तहत चुने हुए शहर को 5 साल तक हर साल 100 करोड़ रुपए की सहायता मिलेगी।
मकसद: 100 स्मार्ट शहर बनाने का मकसद शहरों में मौजूद संसाधन और इंफ्रास्ट्रक्चर का योग्य तरीके से उपयोग करना। साफ पर्यावरण देना।
ऐसे मिलेगा लाभ: एक क्षेत्र या पूरे शहर को ध्यान में रखकर स्मार्ट सिटी को बनाया जाएगा। रेट्राफिटिंग के जरिए क्षेत्र की पहचान कर उसकी कमियों को दूर किया जाएगा।