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जन्म से दृष्टिहीन दो सगे भाइयों ने 10 साल बाद जब कहा- ‘कहां है मेरी मां’..जानें पूरी कहानी

डॉक्टरों ने जैसे ही दोनों भाइयों की आंखों की पट्टी खोली तो विजय ने पूछा मेरी मां कहां हैं, मैं उसे देखना चाहता हूं। यही बात उसके छोटे भाई अमन ने भी कहा।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 22 Feb 2018 12:13 PM (IST)Updated: Thu, 22 Feb 2018 12:15 PM (IST)
जन्म से दृष्टिहीन दो सगे भाइयों ने 10 साल बाद जब कहा- ‘कहां है मेरी मां’..जानें पूरी कहानी
जन्म से दृष्टिहीन दो सगे भाइयों ने 10 साल बाद जब कहा- ‘कहां है मेरी मां’..जानें पूरी कहानी

संत हिरदाराम नगर, नवदुनिया प्रतिनिधि। जन्म से अंधत्व के शिकार दो सगे भाइयों को आपरेशन के बाद एक-एक आंख की रोशनी लौट आई है। डॉक्टरों ने जैसे ही दोनों भाइयों की आंखों की पट्टी खोली तो विजय ने पूछा मेरी मां कहां हैं, मैं उसे देखना चाहता हूं। यही बात उसके छोटे भाई अमन ने भी कहा।

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यह वाकया बुधवार को बैरागढ़ स्थित सेवा सदन नेत्र चिकित्सालय में घटा। दोनों भाइयों की बातें सुनकर वहां उपस्थित डॉक्टरों की आंखों में भी आंसू आ गए। विजय जन्म के 14 साल बाद पहली बार देख पाया है। वहीं अमन 10 साल बाद। फिलहाल अस्पताल में मां नहीं थी। इस कारण डॉक्टरों ने पिता को सामने खड़ा किया। दोनों भाइयों की आंखों में जन्म से ही रोशनी नहीं थी। जन्म से ही इनकी आंखों में मोतियाबिंद था।

विदिशा जिले के गोरियाखेड़ा गांव निवासी गोपालसिंह खेतीहर मजदूर है। उसके दोनों पुत्र विजय (14) और अमन (10) की आंखों में जन्म से ही मोतियाबिंद था। कम आमदनी होने के कारण परिवार इनका इलाज नहीं करा पा रहा था।

सेवा सदन ने अंतराष्ट्रीय संस्था साइट सेवर्स एवं ओरबिस के सहयोग से विदिशा जिले में आयोजित स्क्रीनिंग के दौरान दोनों बच्चों का पता चला। बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत दोनों बालकों की एक आंख के आपरेशन की स्वीकृति मिलने के बाद सेवा सदन ने आपरेशन कराया।

अस्पताल के ट्रस्टी लोकूमल जनियानी के अनुसार आपरेशन के बाद दोनों की रोशनी लौट आई है। जल्द ही इनकी दूसरी आंख का भी आपरेशन किया जाएगा। रोशनी मिलने से पूरा परिवार प्रसन्न है।

अब कर सकेंगे पढ़ाई, खेल सकेंगे सभी खेल

आंखों में रोशनी नहीं होने के कारण विजय और अमन दोनों पढ़ाई नहीं कर सके। उनके पिता गोपालसिंह का कहना है कि आंखों में रोशनी आ जाने से अब हमारे बच्चे पढ़ाई भी कर सकेंगे और हर प्रकार का खेल भी खेल सकेंगे। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि डॉक्टर भगवान होता है। यह पूरी तरह से सही है। इन्हीं डॉक्टरों की वजह से मेरे दोनों बेटों की आंखों की रोशनी लौटी है। मैं सेवा सदन अस्पताल का उपकार जीवनभर नहीं भूल पाउंगा।

यूरोलॉजी शिविर में 480 रोगी

सेवा सदन ट्रस्ट ने जीव सेवा संस्थान के सहयोग से निःशुल्क यूरोलॉजी शिविर लगाया है। पहले दिन 480 मरीजों ने पंजीयन कराया। शिविर में भोपाल के अलावा आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में मरीज जांच कराने पहुंचे। जल्द ही आपरेशन लायक मरीजों को भर्ती किया जाएगा। शिविर में डॉ. दीपक झांग्यिानी, डॉ. सीपी देवानी, सुधीर लोकवानी, राजेंद्र पंजाबी एवं डॉ. टीकम ज्ञानचंदानी आदि अपनी सेवाएं दे रहे हैं। आपरेशन के लिए जल्द ही अमेरिकी चिकित्सा दल बैरागढ़ आएगा। 


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