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महाराष्‍ट्र हिंसा पर राजनीति: महिला सांसद ने सरकार से पूछा ये सवाल

महाराष्‍ट्र के भीमा-कोरेगांव हिंसा को लेकर पूरे राज्‍य में अराजकता फैल गई है। सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं, मगर विपक्षियों को निशाने पर है।

By Pratibha KumariEdited By: Published: Thu, 04 Jan 2018 11:40 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jan 2018 12:22 PM (IST)
महाराष्‍ट्र हिंसा पर राजनीति: महिला सांसद ने सरकार से पूछा ये सवाल
महाराष्‍ट्र हिंसा पर राजनीति: महिला सांसद ने सरकार से पूछा ये सवाल

नई दिल्‍ली, एएनआइ। एक तरफ भीमा-कोरेगांव हिंसा की आग में पूरा महाराष्‍ट्र झुलस रहा है, दूसरी तरफ इस मुद्दे पर संसद में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। आज भी राज्‍यसभा में कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल द्वारा महाराष्‍ट्र हिंसा का मुद्दा उठाया गया। उन्‍होंने राज्यसभा में नियम-267 के तहत नोटिस दिया। साथ ही सवाल किया कि महाराष्ट्र एक शांतिपूर्ण राज्य है, फिर वहां पर इतनी बड़ी घटना हो जाने पर सरकार ने सही वक्त पर एक्‍शन क्यों नहीं लिया?

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वहीं सपा नेता नरेश अग्रवाल ने भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की। साथ ही इस पूरे मामले पर रिपोर्ट के लिए एक आयोग के गठन की बात रखी। बीएसपी ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी भीमा-कोरेगांव हिंसा की जांच कराने की मांग की।

शिवसेना ने सरकार का किया बचाव

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि भीमा-कोरेगांव हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है। महाराष्ट्र सरकार की भूमिका बहुत संयम में रही। परिस्थिति और बिगड़ सकती थी, लेकिन सरकार ने उस वक्त जो किया ठीक किया।

विपक्ष ने बोला हमला

महाराष्ट्र में जारी जातीय हिंसा का मुद्दा बुधवार को भी संसद के दोनों सदनों में छाया रहा। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्यसभा और लोकसभा में इस मुद्दे को जोर शोर से उठा कर वाहवाही लूटने की पूरी कोशिश की। कांग्रेस की तरफ से महाराष्ट्र की हिंसा के लिए भाजपा, आरएसएस को जिम्मेदार ठहराते हुए इस मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी से जवाब देने की मांग की गई।

मिला यह करारा जवाब

भाजपा ने भी पलटवार करते हुए कांग्रेस को अंग्रेजों की तरह 'बांटो और राज करो' की नीति अपनाते हुए देश को जातिगत आधार पर बांटने का आरोप लगाया। दोनों सदनों की कार्यवाई को कई बार रोकनी पड़ी और अंतत: दिन भर के लिए स्थगित भी कर दिया गया।

राज्य सभा में कांग्रेस व बसपा ने इस मुद्दे को उठा कर बाजी मारने की पूरी कोशिश की। यहां भी शून्य काल शुरु होते हुए बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद व कई विपक्षी सांसदों ने मामले पर बोलने की इजाजत मांगी। मिश्रा ने भी फासिस्ट ताकतों पर दलितों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। राज्य सभा को भी कई बार स्थगित करना पड़ा।

आपको बता दें कि सोमवार को महाराष्ट्र के पुणे के पास आयोजित होने वाले भीमा कोरेगांव शौर्य दिवस प्रेरणा अभियान के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। उस समय तकरीबन तीन लाख दलित 200 साल पहले हुए एक युद्ध में मारे गये दलितों की याद में एकत्रित हुए थे। वहीं पर स्थानीय ग्रामवासियों और बाहर से आई भीड़ के बीच हिंसक झड़पें हुई थी।

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