Bhima Koregaon Case: एनआइए ने तेलुगु कवि वरवर राव के दामादों को गवाह के रूप में बुलाया
एनआइए के रुख पर के. सत्यनारायण ने कहा कि हमें ऐसे समय में बुलाया गया है जब वरवर राव की सेहत ठीक नहीं है और मुंबई में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
हैदराबाद, आइएएनएस। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भीमा कोरेगाव हिंसा मामले में तेलुगु कवि वरवर राव के दामाद प्रोफेसर के. सत्यनारायण और वरिष्ठ पत्रकार केवी कुरमनाथ को गवाह के रूप में तलब किया है। इन्हें नौ सितंबर को मुंबई में पेश होना है।
एनआइए के रुख पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए के. सत्यनारायण ने कहा कि हमें ऐसे समय में बुलाया गया है, जब वरवर राव की सेहत ठीक नहीं है और मुंबई में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। हमें इस कठिन समय में पेश होने को कहा गया है जो उचित नहीं है। कहा कि पुलिस ने अगस्त 2018 में पुणे स्थित मेरे आवास पर राव के खिलाफ साक्ष्य जुटाने के लिए छापेमारी की थी। मैंने उसी समय कहा था कि मैं उनका रिश्तेदार जरूर हूं, लेकिन भीमा कोरेगाव केस से मेरा कोई संबंध नहीं है।
देशभर के विभिन्न स्थानों में की गई थी छापेमारी
गौरतलब है कि महाराष्ट्र पुलिस ने 2018 में भीमा कोरेगाव में हुई हिंसा में शामिल माओवादियों से संबंधों को लेकर वरवर राव को गिरफ्तार कर पुणे जेल में रखा था। इस दौरान माओवादियों से संबंध रखने वाले लोगों की गिरफ्तारी के लिए देशभर के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी भी की गई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राव को हैदराबाद लाकर घर में ही नजरबंद कर दिया गया था। इसी साल 17 नवंबर को उन्हें फिर से गिरफ्तार कर पुणे में रखा गया। उन पर अन्य लोगों के साथ कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा। तब से वह नवी मुंबई के तलोजा जेल में बंद हैं।
28 मई को सेहत हो गई खराब
पिछले माह कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद उन्हें नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ठीक होने के बाद उन्हें 28 अगस्त को वापस जेल भेज दिया गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि उनके अस्पताल से छुट्टी होने की सूचना नहीं दी गई। इससे पहले 28 मई को उनकी सेहत काफी खराब हो गई थी। बेहोशी की हालत में उन्हें जेजे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उन्हें एक जून को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। एनआइए कोर्ट राव की जमानत याचिका को कई बार निरस्त कर चुका है। परिजन भी सरकार से उनके बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए रिहा करने की मांग कर चुके हैं।