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भारत रत्‍न से सम्‍मानित वैज्ञानिक प्रोफेसर सीएनआर राव ने ऑनलाइन कक्षाओं पर कही जरूरी बात

प्रोफेसर सीएनआर राव ने कहा कि हमें वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के कदम के मुद्दे पर फिर से विचार करना होगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 12:35 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 01:01 AM (IST)
भारत रत्‍न से सम्‍मानित वैज्ञानिक प्रोफेसर सीएनआर राव ने ऑनलाइन कक्षाओं पर कही जरूरी बात
भारत रत्‍न से सम्‍मानित वैज्ञानिक प्रोफेसर सीएनआर राव ने ऑनलाइन कक्षाओं पर कही जरूरी बात

बेंगलुरु, प्रेट्र। प्रमुख वैज्ञानिक प्रोफेसर सीएनआर राव ने कोविड-19 के कारण स्कूलों के बंद रहने के दौरान छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने पर नाखुशी जाहिर की। राव ने केजी, फ‌र्स्ट और सेकेंड ग्रेड के बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं बंद करने को कहा।

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उन्होंने बेहतर संवाद और बच्चों को प्रेरित करने के लिए आमने-सामने होने के महत्व को रेखांकित किया। अनलॉक 1 दिशानिर्देश के तहत कई तरह की छूट दिए जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर करने में भी उन्होंने कुछ नहीं छिपाया। उन्होंने संकेत दिया कि ये कदम बहुत पहले उठाए गए हैं। 

लॉकडाउन तीन एवं चार के बाद जिस हड़बड़ी में छूट दी गई, उससे हैं चिंतित 

राव ने कहा, 'मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं कि वैक्सीन ही महामारी का समाधान होगी। मुझे लगता है कि शायद यह 2021 के शुरू में उपलब्ध हो सकेगी।' 2014 में भारत रत्न से सम्मानित वैज्ञानिक प्रोफेसर राव जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च के मानद अध्यक्ष हैं।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन तीन एवं चार के बाद जिस हड़बड़ी में छूट दी गई है उसे लेकर वह चिंतित हैं। प्रोफेसर ने जोर देकर कहा कि हमें वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के कदम के मुद्दे पर फिर से विचार करना होगा। कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष में शिक्षितों द्वारा अनुशासन तोड़े जाने से दुखी हैं। हमें यह स्वीकार करना होगा कि स्वीडन की तरह हम अनुशासित नहीं हैं। उन लोगों ने बिना बाध्य किए शारीरिक दूरी का पालन किया। गौरतलब है कि महाराष्ट्र, केरल सहित नार्थ-ईस्ट के कई राज्यों ने जून से ही स्कूली गतिवधियों को शुरू करने के संकेत दिए है। ऐसे में एचआरडी मंत्रालय भी सेफ्टी गाइडलाइन को जल्द जारी करने की तैयारी में है। 

माता-पिता स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं, केंद्र को भेजी अर्जी

उधर, देशभर में दो लाख से ज्यादा माता-पिता ने केंद्र सरकार को भेजी अर्जी पर हस्ताक्षर करके कहा है कि जब तक कोविड-19 के हालात सुधर नहीं जाते या उसकी वैक्सीन तैयार नहीं हो जाती, तब तक स्कूल नहीं खोले जाने चाहिए। करीब 2.13 लाख माता-पिता द्वारा हस्ताक्षरित यह अर्जी ऐसे समय भेजी गई है जब केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि स्कूलों, कॉलेजों, कोचिंग सेंटरों और अन्य शिक्षण संस्थाओं को जुलाई में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कोरोना वायरस के हालात की चर्चा के बाद खोला जाएगा। 


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