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भारत बायोटेक की कोवैक्सीन तीसरे चरण में 77.8 फीसद प्रभावी, कंपनी ने सरकार को सौंपा डेटा

भारत बायोटेक की कोवैक्सीन तीसरे चरण में 77.8 फीसद प्रभावी पाई गई है। कंपनी ने पिछले हफ्ते ही ट्रायल का डेटा ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को सौंपा था। जिस पर मंगलवार को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) की अहम मीटिंग हुई।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 03:35 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 08:53 PM (IST)
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन तीसरे चरण में 77.8 फीसद प्रभावी, कंपनी  ने सरकार को सौंपा डेटा
भारत बायोटेक और आइसीएमआर द्वारा निर्मित है कोवैक्सीन

नई दिल्ली, एएनआइ। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को तीसरे चरण के ट्रायल में 77.8 फीसद कारगर पाया गया है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय दवा नियामक की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल की समीक्षा की। भारत बायोटेक हैदराबाद की कंपनी है। इसने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का डाटा भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) को सप्ताहांत पर सौंपी थी। कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के डाटा को लेकर कई मौकों पर सवाल उठाया गया था। यही कारण है कि टीके की प्रभावशीलता को लेकर कंपनी की ओर से दिए गए आंकड़े महत्वपूर्ण हैं। दूसरी तरफ, कोवैक्सीन को मंजूरी के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ भारत बायोटेक की बैठक गुरुवार को होगी।

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भारत में अभी कोरोना के खिलाफ तीन वैक्सीनों का इस्तेमाल हो रहा है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन भी इनमें से एक है। यह देश में बनी वैक्सीन है। दूसरी वैक्सीन कोविशील्ड लगाई जा रही है। इसको आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका ने बनाया है। स्थानीय स्तर पर इसका उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया कर रहा है। इसके अलावा रूस की स्पुतनिक-वी वैक्सीन भी लगाई जा रही है। भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर कोवैक्सीन बनाई है। यह भारत में बनी पहली स्वदेशी वैक्सीन है।

अस्पताल में भर्ती होने की संभावनाओं में 100 फीसद की कमी

डेटा में संक्रमण के मामले में अस्पताल में भर्ती होने की संभावना में 100 फीसद की कमी देखी गई है। बता दें कि कोवैक्सिन को भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर बनाया है। इसके साथ ही भारत बायोटेक का PANACEA BIOTECH, HESTER BIO और JUBILANT PHARNOVE के साथ करार है।

जुलाई से सितंबर के बीच कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से मिल सकती है मंजूरी

माना जा रहा है कि कोवैक्सिन को जुलाई से सितंबर के बीच डब्ल्यूएचओ से आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी मिल सकती है। कंपनी ने बताया कि 60 देशों में कोवैक्सिन के लिए रेगुलेटरी अप्रूवल्स की प्रॉसेस चल रहा है। इनमें कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका और ब्राजील भी शामिल हैं। अप्रूवल के लिए डब्ल्यूएचओ -जिनेवा में भी एप्लीकेशन दे दिया गया है।


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