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Bhaiyyu Maharaj Death: ब्लैकमेलर युवती संग फोटो देख सकपकाया विनायक, दिया ये जवाब

पुलिस को महाराज को ब्लैकमेल करने वाली युवती और विनायक का फोटो हाथ लगा है। सीएसपी ने जैसे ही दोनों का फोटो उसके सामने रखा तो वह सकपका गया।

By Arti YadavEdited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 09:05 AM (IST)Updated: Sun, 30 Dec 2018 10:05 AM (IST)
Bhaiyyu Maharaj Death: ब्लैकमेलर युवती संग फोटो देख सकपकाया विनायक, दिया ये जवाब
Bhaiyyu Maharaj Death: ब्लैकमेलर युवती संग फोटो देख सकपकाया विनायक, दिया ये जवाब

इंदौर, नईदुनिया। भय्यू महाराज आत्महत्या मामले की जांच कर रही पुलिस को महाराज को ब्लैकमेल करने वाली युवती और विनायक का फोटो हाथ लगा है। यह उस दिन का है, जब महाराज डॉ. आयुषी से शादी कर रहे थे। पहले विनायक युवती की जानकारी छिपा रहा था। सीएसपी ने जैसे ही दोनों का फोटो उसके सामने रखा तो वह सकपका गया। सख्ती बरतने पर कहा कि युवती से घर के बाहर मुलाकात हुई थी। उधर, पुलिस ने संदेहियों से अब तक छह मोबाइल जब्त किए हैं।

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आजाद नगर सीएसपी अगम जैन और अंकित जायसवाल ने शनिवार को भी महाराज के मामले में धीरू व्यास (सोशल मीडिया मैनेजर), मनोहर सोनी (दोस्त), मनमीत अरोरा (कॉन्ट्रैक्टर), शेखर शर्मा (सेवादार), शरद देशमुख (सेवादार) सहित करीब 10 लोगों से पूछताछ की। सबसे पहले मुख्य संदेही विनायक को बुलाया गया। वह गोपनीय बातों की जानकारी नहीं होने का बहाना बनाकर टालता रहा। अफसरों के मुताबिक, विनायक वकीलों से बयान सीखकर आया है। पुलिस ने शनिवार को युवती को भी पूछताछ के लिए तलब किया है।

ऐसे चली पूछताछ

सीएसपी : फूटी कोठी क्षेत्र निवासी युवती और भय्यू महाराज के संबंध कैसे थे?

विनायक : वह केयर टेकर थी, महाराज की बेटी कुहू की देखभाल करती थी।

सीएसपी : क्या वह महाराज की शादी वाले दिन सिल्वर स्प्रिंग स्थित घर आई थी?

विनायक : मुझे इसकी जानकारी नहीं है।

(सीएसपी ने फोटो दिखाया, जिसमें विनायक और गार्ड युवती के साथ महाराज के घर के बाहर खड़े थे।)

विनायक : हां, युवती शायद मिलने आई थी। वह तो उसे घर से निकलते वक्त टकरा गई। कुछ देर खड़ा होकर बात करने लगा था। महाराज युवती को बेटी की तरह रखते थे।

सीएसपी : फिर वह शादी में शामिल क्यों नहीं हुई?

विनायक : (इस बात को भी टाल गया)।

आश्रम प्रभारी को बुलाया

सीएसपी जैन के मुताबिक, महाराज के फोन की छह महीने पुरानी कॉल डिटेल निकाली गई है। इसमें अमोल चव्हाण के कई नंबर मिले। अमोल पुणे स्थित आश्रम को संभालता है। पुलिस ने उसे भी नोटिस जारी किया है। दो दिन बाद महाराज की पत्नी और मां से भी पूछताछ की जाएगी। बैंक और ट्रस्ट को नोटिस जारी कर यह जानकारी मांगी है कि युवती को वेतन कौन देता था।

सेवादार थे, गुनहगार नहीं

शनिवार को विनायक दुधाले, शेखर शर्मा सहित तीन संदेहियों ने मीडिया के सामने खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि हम सेवादार थे, गुनहगार नहीं। कैलाश ने करोड़ों रुपये लेकर भागने के गलत आरोप लगाए हैं। सच तो यह है कि महाराज के पास रुपये नहीं थे। विनायक ने कहा, मैं कभी पुलिस से भागा नहीं हूं, बल्कि मुझे तो नोटिस भी नहीं मिला। मुझे परिस्थितियों के कारण गांव जाना पड़ा था।

आरटीओ पहुंच तुषार ने लिखित में दिए बयान
भय्यू महाराज की कार भाजयुमो नेता मयूरेश पिंगले के नाम पर ट्रांसफर होने के मामले में ट्रस्ट सचिव तुषार पाटिल शनिवार को फिर आरटीओ पहुंचा। उसने एआरटीओ अर्चना मिश्रा को अपने पास मौजूद गाड़ी का पहला रजिस्ट्रेशन कार्ड भी दिखाया। तुषार ने अपने बयान में 14 प्रमुख बिंदुओं पर गलती निकाली। तुषार ने बताया कि सबसे प्रमुख गलती तो यह है कि महाराज ने यह गाड़ी नकद खरीदी थी, लेकिन नाम ट्रांसफर की फाइल में 26 नंबर फॉर्म लगा है। इसमें लिखा कि वाहन आइसीआइसीआइ बैंक से फाइनेंस है, जबकि हमारी गाड़ी पर किसी प्रकार का कोई लोन ही नहीं है। तुषार ने मयूरेश के एआरटीओ को दिए गए बयान को झूठा ठहराया है। मयूरेश ने लिखित बयान में गाड़ी महाराज द्वारा गिफ्ट देने की बात कही है।


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