भय्यू महाराज केस : एजेंट का तुषार को कॉल, बाबू से मिल वापस ले लो शिकायत
तुषार पाटिल के बयान देने और बाबू व मयूरेश की गलती सामने आने के बाद तुषार पाटिल को फोन लगाकर मामला खत्म करने के लिए बाहर मिलने का कहा गया है।
इंदौर, जेएनएन। भय्यू महाराज के ट्रस्ट की कार भाजयुमो नेता मयूरेश पिंगले के नाम ट्रांसफर करने के मामले को अब दबाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। तुषार पाटिल के बयान देने और बाबू व मयूरेश की गलती सामने आने के बाद तुषार पाटिल को फोन लगाकर मामला खत्म करने के लिए बाहर मिलने का कहा गया है। हालांकि तुषार का कहना है कि मैं मामले को पुलिस में लेकर जाऊंगा।
तुषार के मुताबिक दो दिन पहले उन्हें संजय सैनी नामक एजेंट का फोन आया था। संजय वही एजेंट है, जिसने यह फाइल आरटीओ में प्रस्तुत की थी। संजय ने मुझसे कहा कि इस मामले में आपके बयान से सबको दिक्कत हो जाएगी। आप बाबू देंवेंद्र बनवारिया से कहीं बाहर मिल लीजिए।
मयूरेश के लोग भी यहीं चाहते हैं कि मामला अब खत्म हो जाए। तुषार ने बताया कि मैंने उन्हें कहा कि वे लोग आश्रम में आएं और यहीं पर चार लोगों के बीच में बात करें। मुझे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन मैं आप लोगों से कहीं बाहर मिलने नहीं आऊंगा। हमें हमारी गाड़ी के पैसे चाहिए, जो ट्रस्ट के खाते में ही लिए जाएंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो मैं मामले की शिकायत पुलिस में कर दूंगा। वहीं गाड़ी का नाम ट्रांसफर भी निरस्त होना चाहिए।
बाबू को बचाने की तैयारी में अफसर
इधर, मामला सामने आने के बाद वरिष्ठ अधिकारी नाराजगी जता रहे हैं। लगातार अखबार में छप रही खबरों से अधिकारी नाराज हैं। जबकि जांच में बाबू देवेंद्र बनवारिया और फाइल पर आदेश करने वाली एआरटीओ निशा चौहान को बचाने की तैयारी कर ली गई है।
बाबू ने अब तक स्पष्टीकरण भी नहीं दिया है। जबकि परिवहन आयुक्त खुद इस मामले को लेकर लगातार संभागीय उप परिवहन आयुक्त से अपडेट ले रहे हैं। अधिकारी सारे मामले को तुषार और मयूरेश के बीच का बताकर बाबू को बचाने में जुटे हैं।
'गृह कलह के कारण नहीं की भय्यू महाराज ने आत्महत्या'
गौरतलब है कि भय्यू महाराज (उदयसिंह देशमुख) ने गत 12 जून को घर में लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। रविवार को उनकी पत्नी डॉ.आयुषी व बेटी कुहू डीआइजी हरिनारायणचारी मिश्र के पास पहुंचीं। दोनों ने कहा कि महाराज ने गृह कलह के कारण आत्महत्या नहीं की थी। उन्हें करोड़ों रुपये, फ्लैट और गाड़ी के लिए ब्लैकमेल किया जा रहा था, इसकी जांच होनी चाहिए। एमआइजी थाना पुलिस की हिरासत में बंद पूर्व ड्राइवर कैलाश पाटिल उर्फ भाऊ को षड्यंत्र की पूरी जानकारी है। उसने सेवादार विनायक, शरद देशमुख और युवती द्वारा रची साजिश के बारे में भी बयान दिए हैं। कैलाश द्वारा दिए बयान कोर्ट के समक्ष धारा 164 में दर्ज करवाना चाहिए।
आखिर धारा 164 के तहत बयान दर्ज करने की मांग क्यों?
गौरतलब है कि पुलिस के सामने दिए बयान से लोग अक्सर कोर्ट में मुकर जाते हैं, जबकि धारा 164 में कोर्ट के समक्ष दिए बयान से मुकरना आसान नहीं होता। बयान बदलने पर सजा हो सकती है। डीआइजी के मुताबिक, सीएसपी को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सीएसपी ने संदेहियों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब करना शुरू कर दिया है।
राज दबाने के लिए सुनाई 'कलह कथा'
भय्यू महाराज की मौत के बाद सेवादार व परिचितों ने साजिश के तहत यह खबर उड़ाई कि महाराज पत्नी और बेटी के बीच चल रही लड़ाई में उलझ गए थे। दोनों एक-दूसरे पर प्रताड़ना का आरोप लगा रही हैं। उन्होंने इसी तनाव में आत्महत्या की है। यह पहला मौका है जब पत्नी और बेटी एकजुट हुई और दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर शिकायत दर्ज करवाई।
ब्लैकमेलिंग में खास सेवादार थे शामिल
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार कैलाश पाटिल उर्फ भाऊ (ड्राइवर) ने बताया कि महाराज की मौत सामान्य आत्महत्या नहीं, बल्कि उन्हें गोली मारने के लिए मजबूर किया गया था। इसमें मुख्य किरदार फूटी कोठी क्षेत्र में रहने वाली युवती थी, जो महाराज की देखभाल करने के लिए लगी थी। उसने महाराज से प्रेम संबंध स्थापित कर अश्लील वीडियो बना लिया था। डॉ. आयुषी से शादी के बाद इस लड़की का आना-जाना बंद हो गया। उसने वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी दी और महाराज से हर महीने डेढ़ लाख रुपये लेने शुरू कर दिए। ब्लैकमेलिंग में खास सेवादार विनायक दुधाले और शेखर भी शामिल थे। विनायक ही लड़की को रुपये देने जाता था। कई बार उसके फोन से ही बातचीत होती थी। पुलिस विनायक और शेखर की तलाश में जुट गई है।
जानकारी मिली है कि वह महाराष्ट्र में छुपा है और उसने एक क्रिश्चियन युवती से शादी कर ली है। जांच में शामिल एक अधिकारी के मुताबिक, ब्लैकमेल करने वाली लड़की के गोपनीय नंबर मिले हैं। उसकी कॉल डिटेल निकाली जा रही है।