बुलंदशहर हिंसाः कुछ ऐसे ली दंगाइयों ने जांबाज इंस्पेक्टर सुबोध की जान
स्याना कोतवाल शहीद हो गए, लेकिन वारदात के तीन घंटे बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो इस बात के संकेत दे रहा है कि उन्हें बचाया जा सकता था।
बुलंदशहर, जासं। बुलंदशहर में गोकशी के खिलाफ लोगों का गुस्सा इतना चरम पर आ गया कि इन लोगों ने कानून हाथ में ले लिया। चौकी को फूंकने के साथ पुलिस पर भी हमला किया गया। इसमें एक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने जान गंवा दी जबकि दारोगा के साथ आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हैं। पथराव में गंभीर रूप से घायल युवक सुमित ने भी दम तोड़ दिया।
सुबोध कुमार सिंह वर्तमान में बुलंदशहर में कोतवाल थे और 28 सितंबर 2015 को हुए बिसाहड़ा कांड के पहले जांच अधिकारी रहे थे। बता दें कि बिसाहड़ा में तीन साल पहले गोहत्या की सूचना पर हुई इकलाख की हत्या हो गई थी। सुबोध कुमार ने दस आरोपितों को दूसरे दिन ही गिरफ्तार कर लिया था। सुबोध कुमार के पिता भी उत्तर प्रदेश पुलिस में थे। सुबोध के पिता की मौत ट्रेन में बदमाशों से हुई मुठभेड़ के दौरान हुई थी।
वायरल वीडियो से खुलासा- अकेला छोड़कर न भागते साथी तो बच जाती जान
स्याना कोतवाल शहीद हो गए, लेकिन वारदात के तीन घंटे बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो इस बात के संकेत दे रहा है कि उन्हें बचाया जा सकता था। बलवाइयों ने खेत में घेरकर कोतवाल पर हमला किया, जिसमें उनकी सरकारी जीप भी क्षतिग्रस्त हो गई थी। भीड़ के तेवरों को देखकर साथी पुलिसकर्मी कोतवाल को अकेला छोड़कर भाग गए। अगर पुलिसकर्मी कोतवाल के साथ डटे रहते तो अनहोनी टल सकती थी।
बलवाइयों के पथराव से घायल हुए स्याना कोतवाल खेत में छिप गए थे, जिन्हें लेने के लिए पुलिसकर्मी सरकारी जीप से गए थे, लेकिन गन्ने के खेतों में छिपे बलवाइयों ने सरकारी जीप को खेत के बीच में घेर कर लाठी-डंडों से हमला कर दिया।
घायल कोतवाल का वीडियो वायरल घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें खेत के बीच में स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की क्षतिग्रस्त जीप खड़ी है और वे घायल अवस्था में आधे जमीन व आधे पिछली सीट पर पड़े हुए हैं। वायरल वीडियो में कुछ युवक यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि 'अरे ये तो वही एसओ है'। उनके बारे में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो 35 सेकंड का है।
चार गिरफ्तार, योगेश राज फरार
बुलंदशहर में हिंसा के दौरान स्याना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में स्याना कोतवाली में उपनिरीक्षक सुभाष सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज, भाजपा युवा स्याना के नगराध्यक्ष शिखर अग्रवाल, विहिप कार्यकर्ता उपेंद्र राघव को भी नामजद किया गया। हालांकि, तीनों की अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है। एडीजी आनंद कुमार ने प्रेस वार्ता में इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि मामले में चमन, देवेंद्र, आशीष और सतीश को गिरफ्तार किया गया है। इस प्रकरण में 88 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 27 लोग नामजद हैं।
जानिए कब क्या हुआ ?
सुबह 7 बजे गोवंश के अवशेष मिले।
8 बजे: ग्रामीण खेतों पर पहुंचे।
9 बजे: हिंदू संगठनों के लोग घटनास्थल पर पहुंचे।
9:30 बजे: पुलिस टीम मौके पर पहुंची।
10 बजे: ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया।
11 बजे: ग्रामीणों ने अवशेषों को ट्रैक्टर-ट्राली में भरकर स्याना-बुलंदशहर हाईवे स्थित चिंगरावठी चौकी पर जाम लगा दिया।
दोपहर 12 बजे: पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठी फटकारनी शुरू कर दी।
12:30 बजे: पुलिस व ग्रामीणों के बीच पथराव शुरू हो गया।
1 बजे: स्याना कोतवाल व एक युवक घायल हो गया।
2 बजे: लखावठी सीएचसी ले जाते समय स्याना कोतवाल की मौत हो गई और घायल युवक को सीएचसी से मेरठ रेफर कर दिया।
4 बजे: डीएम व एसएसपी मौके पर पहुंचे।
4.30 बजे: एडीजी मेरठ जोन व आइजी रेंज पहुंचे।
5.00 बजे: मेरठ के अस्पताल में सुमित की मौत की सूचना चिंगरावठी पहुंची।
5.30 बजे: कमिश्नर भी मौके पर पहुंचे, गांव में पीएसी तैनात