रक्षाबंधन को बेस्ट बसों हड़ताल पर मुंबई वालों की मुश्किलें बढ़ी
बेस्ट यूनियन का आरोप है कि पिछली मीटिंग में बेस्ट के कमिश्नर ने उन्हें आश्वासन दिया था कि हर महीने की 10 तारीख को उन्हें सैलरी मिल जायेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। मुंबईवासियों के आवागमन का सुगम और सस्ता साधन समझी जानेवाली बेस्ट की बसें सोमवार को हड़ताल की वजह से सड़कों से गायब रहीं। इस कारण रक्षाबंधन के दिन लोगों को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ा। शाम को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के हस्तक्षेप से हड़ताल समाप्त हुई तो लोगों ने राहत की सांस ली।
मुंबई में रोज सामान्यतया 30 लाख लोग बेस्ट (बॉम्बे इलेक्टि्रक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट) की बसों का इस्तेमाल करते हैं। त्योहार के दिनों में यह संख्या बढ़ जाती है। बसों के अभाव में सोमवार को लोकल ट्रेनें ठसाठस भरी नजर आईं, तो टैक्सी-ऑटो एवं ओला-उबर जैसी सेवाएं भी तीन गुना ज्यादा कीमत चुकाकर इस्तेमाल करनी पड़ीं। मुंबई में बेस्ट की सेवाएं मुंबई महानगरपालिका के तहत काम करती हैं।
बेस्ट के 37000 कर्मचारी सोमवार को पूर्वघोषित हड़ताल पर थे। रविवार रात 12 बजे से शुरू हुई यह हड़ताल करीब 16 घंटे चली। कर्मचारियों की मांगों में वेतनवृद्धि के अलावा समय पर वेतन भुगतान जैसी मांगें शामिल थीं। बीएमसी में पिछले दो दशक से शिवसेना का शासन है। बेस्ट कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद हड़ताल खत्म करने का निर्णय किया।