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Bengaluru Voilence: SDPI पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में राज्य सरकार, 60 और लोगों की हुई गिरफ्तारी

बेंगलुरु में हिंसा के आरोप में 60 और लोगों को किया गया है गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर देश में हिंसा भड़की हुई है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 02:08 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 02:08 PM (IST)
Bengaluru Voilence: SDPI पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में राज्य सरकार, 60 और लोगों की हुई गिरफ्तारी
Bengaluru Voilence: SDPI पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में राज्य सरकार, 60 और लोगों की हुई गिरफ्तारी

 बेंगलुरु, एएनआइ। बेंगलुरु में सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हुई हिंसा के बाद अब कुछ लोगों की गरफ्तारी की जा रही है। वहीं, कर्नाटक मंत्रि केएस ईश्वरप्पा ने कहा कि एसडीपीआई एक मूर्ख संगठन है। हम इसे प्रतिबंधित करने के बारे में सोच रहे हैं। शीघ्र ही दो निर्णय लिए जाएंगे। पहला ये कि हिंसा में शामिल लोगों की संपत्ति (बेंगलुरु में) जब्त की जाएगी। दूसरा एसडीपीआई पर प्रतिबंध। 20 मई को कैबिनेट की बैठक में इन 2 मामलों पर चर्चा की जाएगी। 

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अब तक कुल 206 लोग गिरफ्तार

संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध)एक संदीप पाटिल ने कहा कि इस सप्ताह के शुरू में अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट पर बेंगलुरु में हिंसा के सिलसिले में साठ से अधिक और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया उनमें नागरवाड़ा वार्ड से इरशाद बेगम। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिक (बीबीएमपी) के पति कलीम पाशा शामिल हैं। पाटिल ने कहा कि पुलिस ने हिंसा के संबंध में अब तक 206 लोगों को गिरफ्तार किया है। 

जानें आखिर क्यों हुई थी शहर में हिंसा

कांग्रेस विधायक श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे नवीन द्वारा कथित रूप से किए गए एक सोशल मीडिया पोस्ट पर मंगलवार रात शहर के पूर्वी हिस्से में हिंसा भड़कने के बाद तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।आरोपी नवीन को भी अब गिरफ्तार कर लिया गया है। कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि जिला मजिस्ट्रेट हिंसा की जांच करेंगे।

कांग्रेस नेता मल्लिका अर्जुन खड़गें ने जताई आपत्ति

बेंगलुरु हिंसा पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिन भी लोगों ने कानून अपने हाथ में लिया है उन्हें सजा मिलनी चाहिए। अगर इसकी निष्पक्षता से जांच करानी है तो इसकी मजिस्ट्रेट जांच की बजाए न्यायिक जांच करानी चाहिए। न्यायिक जांच से पता चलेगा कि असली षड्यंत्र क्या था और इसके पीछे कौन है 


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