आर्थिक सुधारों का आरंभ
पिछली लोकसभा के महज 16 महीनों में भंग होने के कारण 10वीं लोकसभा के लिए 1991 में चुनाव कराने पड़े। 'मंडल-मंदिर' मुद्दे पर चुनाव लड़ा गया। कांग्रेस को सबसे अधिक 232 सीटें मिलीं। इसके वरिष्ठ नेता पीवी नरसिंह राव अल्पमत सरकार के प्रधानमंत्री बने। किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण वह बगैर बहुमत के ही अपना कार्यकाल पूरा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बने। उस दौर में अर्थव्यवस्था खस्ताहाल थी। लिहाजा उन्होंने और तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधार
पिछली लोकसभा के महज 16 महीनों में भंग होने के कारण 10वीं लोकसभा के लिए 1991 में चुनाव कराने पड़े। 'मंडल-मंदिर' मुद्दे पर चुनाव लड़ा गया। कांग्रेस को सबसे अधिक 232 सीटें मिलीं। इसके वरिष्ठ नेता पीवी नरसिंह राव अल्पमत सरकार के प्रधानमंत्री बने। किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण वह बगैर बहुमत के ही अपना कार्यकाल पूरा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बने। उस दौर में अर्थव्यवस्था खस्ताहाल थी। लिहाजा उन्होंने और तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधारों और उदारीकरण के युग की शुरुआत की। फ्लैशबैक सीरीज में अतुल चतुर्वेदी की एक नजर:
'मंडल और मंदिर'
वीपी सिंह की सरकार ने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए सरकारी नौकरियों में पिछड़ी जातियों को 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया। इसके खिलाफ अगड़ी जातियों ने देश भर में हिंसक प्रदर्शन किए। दूसरी तरफ भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में अयोध्या के विवादित परिसर में राम मंदिर के निर्माण की घोषणा कर नई बहस शुरू की। देश में तीव्र धु्रवीकरण हुआ। राष्ट्रीय मोर्चा हाशिए पर चला गया।
राजीव गांधी की हत्या
पहले चरण का मतदान होने के अगले दिन राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में लिट्टे ने हत्या कर दी। इसके चलते अगले चरणों के लिए मतदान एक महीने बाद हो सके। पहले चरण में 211 सीटों पर मतदान हुए थे। उसमें कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर रहा लेकिन राजीव की मौत के बाद हुए अन्य चरणों के मतदान में कांग्रेस को सहानुभूति का लाभ मिला। राजनीति से संन्यास लेने का इरादा बना चुके पीवी नरसिंह राव सत्ता में आए।
भाजपा का प्रदर्शन
वोट: 20.04 फीसद --- सीटें: 120
पहली बार भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर लोकसभा में उभरी और मुख्य विपक्षी दल बनी।
चुनाव तारीख: 22 मई, 12 जून, 15 जून
सीटें: 545
मतदाता: 50 करोड़
मतदान: 57 फीसद
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