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The Great Conjunction 2020: 21 दिसंबर को ब्रह्मांड में होने वाली है बेहद खास घटना, आपको भी बनना है गवाह तो रहना तैयार

21 दिसंबर को अंतरिक्ष में ग्रेट कंजेक्‍शन की घटना घटने वाली है। इस खगोलीय घटना को आंखों से देखा जा सकेगा। शनि और गुरू ग्रह दोनों ही 21 दिसंबर को बेहद करीब होंगे। इसलिए ये दिन काफी खास होगा।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 02:59 PM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2020 12:25 PM (IST)
The Great Conjunction 2020: 21 दिसंबर को ब्रह्मांड में होने वाली है बेहद खास घटना, आपको भी बनना है गवाह तो रहना तैयार
21 दिसंबर को बेहद करीब दिखाई देंगे शनि और गुरू

नैनीताल (रमेश चंद्रा)। The Great Conjunction 2020 & Christmas Star: हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह गुरु यानी बृहस्पति व शनि 397 साल बाद एक दूसरे को ‘स्पर्श’ करते नजर आने वाले हैं। यह संयोग साल के सबसे छोटे दिन यानी 21 दिसंबर को बनने जा रहा है। इस दुर्लभ खगोलीय घटना में दोनों के बीच की आभासी दूरी मात्र 0.06 डिग्री रह जाएगी। साथ ही इन दोनों के चंद्रमाओं को भी एक डिग्री के अंतराल में देखने का मौका होगा।

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आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज), नैनीताल के खगोल विज्ञानी डॉ. शशि भूषण पांडेय के अनुसार शनि व गुरु को इन दिनों को आंखों से देखा जा सकता है। अब यह दोनों रोमांचक संयोग बनाने जा रहे हैं, जिसमें गुरु व शनि अपनी कक्षा में परिभ्रमण करते हुए एक दूसरे को स्पर्श करते हुए नजर आएंगे। चांदी के समान चमकीले रंग के छल्लों में लिपटा शनि ग्रह के साथ उसके उपग्रह टाइटन व रेया भी नजर आएंगे। वहीं गुरु के चार चांद यानी उपग्रह गायनामिड, कैलेस्टो, आइओ व यूरोपा भी ऐसे ही नजर आएंगे। इस घटना में दोनों ग्रहों के साथ-साथ उनके उपग्रहों के बीच की दूरी भी एक डिग्री के अंतराल में रह जाएगी।

गुरु का चांद आइओ तो ऐसे दिखेगा मानो चिपका हुआ हो। पृथ्वी से देखने पर इनके बीच की यह दूरी आभाषीय होगी, जबकि वास्तविकता में शनि व गुरु के बीच नजदीक आने पर दूरी औसत 65.5 करोड़ किमी होती है। जबकि दूर होने पर यह दूरी औसत 2.21 अरब किमी होती है। जबकि उनके उपग्रहों के बीच आपसी दूरी डेढ़ लाख से ढाई करोड़ किमी होगी। इस दुर्लभ खगोलीय घटना में दोनों ग्रहों के उपग्रहों को दूरबीन की मदद से ही देखा जा सकता है। इसके बाद ये दोनों ग्रह 376 साल बाद एक दूसरे के इतने ही करीब पहुंचेंगे। हालांकि हर 20 साल में यह दोनों एक दूसरे के करीब पहुंचते हैं।

इस घटना को ग्रेट कंजंक्शन नाम दिया : इस दुर्लभ खगोलीय घटना को विज्ञानियों ने ग्रेट कंजंक्शन केसाथ क्रिसमस स्‍टार का भी नाम दिया गया है। कंजंक्शन यानी आच्छादन की घटनाएं सौर मंडल में अक्सर होती रहती हैं, लेकिन दो बड़े ग्रहों के बेहद नजदीक आने की घटना सदियों बाद ही हुआ करती हैं। जिस कारण इसे ग्रेट कंजंक्शन नाम दिया गया है।

गैलीलिओ ने देखा था पहली बार : महान विज्ञानी गैलीलिओ गैलीली ने टेलीस्कोप बनाने के बाद 1623 में शनि व गुरु को एक दूसरे के इतने करीब पहली बार देखा देखा था। टेलीस्कोप की सुविधा उपलब्ध हो जाने से ग्रह नक्षत्रों समेत ब्रह्मांड के कई रहस्यमय व भ्रामक तथ्यों की सत्यता का पता चला था।

साल के सबसे छोटे दिन होने जा रही यह घटना : यह खगोलीय घटना साल के सबसे छोटे दिन होने जा रही है। इस कारण इसकी रोचकता और बढ़ जाती है। इस घटना को पश्चिम के आकाश में देखा जा सकेगा। 


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