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‘नीच’ पर संग्रामः 3 साल पहले प्रियंका ने कहा था, अब मणिशंकर ने दोहराया

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नीच और असभ्य कहा, लेकिन यह पहली बार नहीं है जब अय्यर ने इस तरह का बयान दिया है।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Fri, 08 Dec 2017 11:16 AM (IST)Updated: Fri, 08 Dec 2017 12:15 PM (IST)
‘नीच’ पर संग्रामः  3 साल पहले प्रियंका ने कहा था, अब मणिशंकर ने दोहराया
‘नीच’ पर संग्रामः 3 साल पहले प्रियंका ने कहा था, अब मणिशंकर ने दोहराया

 नई दिल्ली (जेएनएन)। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘नीच’ कहकर भले माफी मांग ली लेकिन, भाजपा को बड़ा मौका मिल गया है। वैसे यह मसला नया नहीं है। साल 2014 के लोकसभा चुनावों में भी उन्होंने मोदी को चाय बेचने वाला कहा था। इसके साथ ही प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी मोदी को नीच कहा था, जिसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उठा चुकी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पुत्री प्रियंका गांधी ने मोदी पर नीच राजनीति का आरोप लगाया था। बदले में मोदी ने इसे मुद्दा बना दिया। इसी शब्द को हथियार बनाकर पिछड़ों-दलितों को लामबंद करने के लिए अभियान शुरू कर दिया।

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अमेठी में नरेंद्र मोदी ने स्व. राजीव गांधी पर सीधा हमला बोला था, जिसके बाद उनकी बेटी प्रियंका गांधी ने कहा था कि मोदी की 'नीच राजनीति' का जवाब अमेठी की जनता देगी। मोदी ने प्रियंका के इस बयान को नीच राजनीति से निचली जाति पर खींच लिया और ऐसा बवंडर खड़ा हुआ कि कांग्रेस फिर सफाई देते-देते परेशान रही और इसका खामियाजा भी कांग्रेस को उठाना पड़ा।

बात यहीं तक नहीं रही। चुनाव प्रचार के दौरान ही सोनिया गांधी कुशीनगर की सभा में पहुंची तो उन्होंने नीच राजनीति की बात को फिर उठा दिया। सोनिया ने मोदी को मर्यादा का पाठ पढ़ाते हुए उनको अटल विहारी वाजपेयी से सीख लेने की नसीहत तक दे डाली। मोदी ने फिर पलटवार किया कि हो सकता है कि कुछ लोगों को यह नजर नहीं आता हो पर, निचली जातियों के त्याग, बलिदान और पुरुषार्थ ने ही देश को इस ऊंचाई को पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है।

तब अय्यर ने कहा था चाय वाला

जनवरी 2014 में मणिशंकर अय्यर ने कहा था, '21वीं सदी में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन पाएं, ऐसा मुमकिन नहीं है। मगर, वह कांग्रेस के सम्मेलन में आकर चाय बेचना चाहें, तो हम उनके लिए जगह बना सकते हैं।' इस बयान पर ऐसा बवाल हुआ था कि कांग्रेस को जवाब देते नहीं बन रहा था। कांग्रेस की सहयोगी पार्टियां भी अय्यर के इस बयान के खिलाफ खड़ी हो गई थीं और कहा था कि मोदी को चायवाला कहना गलत है।

राहुल ने की डैमेज कंट्रोल की कोशिश

अय्यर के बयान के आने के तुरंत बाद राहुल ने डैमेज कंट्रोल की भरसक कोशिश की। उन्होंने ट्वीट किया, 'भाजपा और पीएम हमेशा कांग्रेस पार्टी पर हमले के लिए गंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। कांग्रेस की संस्कृति और विरासत अलग है। प्रधानमंत्री के लिए मणिशंकर अय्यर का लहजा और भाषा ठीक नहीं है। कांग्रेस पार्टी और मैं उम्मीद करते हैं कि अपने कहे के लिए वो माफी मांगेंगे।' इसके बाद अय्यर ने छह बार मांफी मांगी, लेकिन कांग्रेस को 2014 के आम चुनाव की तरह इस बार गुजरात के विधानसभा चुनाव में जो नुकसान होना था, वह हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी ने अय्यर के इस बयान पर कांग्रेस के बुरी तरह से घेर लिया है।

क्या कहा है मोदी ने सूरत की रैली में

प्रधानमंत्री मोदी ने सूरत में चुनाव रैली में अय्यर के अपमानजनक बयान पर कहा, 'आप सबने मुझे देखा है। मैं सीएम रहा, पीएम हूं। क्या किसी को मेरे कारण शर्म से सिर झुकाना पड़ा है। क्या मैंने कोई शर्मिंदा होने वाला काम किया है। फिर वो मुझे नीच क्यों कह रहे हैं। उन लोगों ने हमें क्या-क्या कहा। गदहा, नीच, गंदी नाली के कीड़े। गुजरात के लोग 18 दिसंबर को ऐसी घटिया भाषा का करारा जवाब देंगे।'

प्रधानमंत्री मोदी ने पहले चरण के प्रचार के आखिरी दिन अय्यर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एक रैली में कहा कि जनता 18 दिसंबर को बता देगी कि कौन नीच आदमी है। गुजरात विधानसभा के लिए 9 दिसंबर को पहले चरण और 14 दिसंबर को दूसरे चरण की वोटिंग है, जिसके नतीजे 18 दिसंबर को आएंगे।

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