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कुलभूषण से पहले इन भारतीयों को जासूसी के झूठे आरोप में फंसा चुका है पाकिस्‍तान

पाक की जेल में बंद जाधव से पहले भी ऐसे कई मामले हुए हैं जिनमें पाक जबरदस्ती पकड़े गए भारतीयों को जासूस साबित करने में हर हथकंडा अपनाता रहा है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 09:36 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 10:25 AM (IST)
कुलभूषण से पहले इन भारतीयों को जासूसी के झूठे आरोप में फंसा चुका है पाकिस्‍तान
कुलभूषण से पहले इन भारतीयों को जासूसी के झूठे आरोप में फंसा चुका है पाकिस्‍तान

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। जासूसी में फंसाए गए भारतीय अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के बाद पाकिस्तान का वह झूठ बेनकाब हो चुका है जिसके तहत वह भारतीय नागरिक को जासूस साबित करने की हरकत करता रहा है। पाकिस्‍तान की जेल में बंद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव से पहले भी ऐसे कई मामले हुए हैं जिनमें पाकिस्तान जबरदस्ती पकड़े गए भारतीयों को जासूस साबित करने में हर हथकंडा अपनाता रहा है।

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कुलभूषण जाधव

पाकिस्तान के जेल में बंद भारतीय नौ सेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को बचाने में जुटी भारत सरकार को बड़ी जीत हासिल हुई है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आइसीजे) ने भारत सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए पाकिस्तान की ' सैन्य कोर्ट' की तरफ से जाधव को दी गई फांसी की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही पाकिस्तान को विएना समझौते का पालन नहीं करने पर फटकार लगाई है और आदेश दिया है कि भारतीय राजनयिकों को जाधव से मिलने की इजाजत (काउंसिलर एक्सेस) दी जाए।

सरबजीत सिंह

पंजाब के तरणतारण जिले के सरबजीत पर 1990 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बम धमाकों में शामिल होने का आरोप लगा। दरअसल वह धमाकों के दौरान गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान चले गए थे। वहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। लाहौर हाईकोर्ट ने 1991 में उन्हें इस मामले में मौत की सजा सुनाई। भारत

उनकी रिहाई के लिए प्रयास करता रहा। 2013 में लाहौर जेल में कैदियों से उनका झगड़ा हुआ। वह बुरी तरह घायल हुए जिसके बाद उनकी मौत हो गई।

किशोर भगवान

फरवरी 2014 को भारतीय मछुआरे किशोर भगवान की पाकिस्तानी जेल में मौत की खबर आई। उनपर बिना किसी दस्तावेज पाकिस्तान के आर्थिक क्षेत्र में घुसने का आरोप लगाया गया। पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा एजेंसी ने उन्हें गिरफ्तार किया। 2013 में किशोर ने वहां जेल से भागने की भी कोशिश की पर पकड़े गए। अज्ञात कारणों के चलते जेल में उनकी मौत हो गई।

किरपाल सिंह

पंजाब के गुरदासपुर से संबंध रखने वाले किरपाल सिंह 1992 में गलती से पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हुए। उनपर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बम धमाका करने के आरोप में मुकदमा चला। 25 वर्षों तक वह जेल में रहे। लाहौर हाईकोर्ट ने इस मामले में उन्हें बरी कर दिया इसके बावजूद पाकिस्तान ने उन्हें आजाद नहीं किया। अज्ञात कारणों से लाहौर जेल में उनकी मौत हो गई।

चमेल सिंह

जम्मू जिले के चमेल सिंह को पाकिस्तानी सेना ने 2008 में गिरफ्तार किया। उनपर जासूसी करने का आरोप लगा। उनके परिवार के मुताबिक खेतों में काम करने के दौरान उन्होंने गलती से सीमा पार कर ली थी। 2013 में लाहौर की जेल में पुलिसवालों की पिटाई से उनकी जान चली गई।


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