नियंत्रण रेखा पर गुलमर्ग से द्रास तक 600 किमी लंबे हाइवे से जुड़ेगी पहाड़ों की खूबसूरत चोटियां
गुलमर्ग से लद्दाख के द्रास के बीच बनने वाला 600 किलोमीटर लंबा हाइवे हिमालय की कई चोटियों से होकर गुजरेगा।
नीलू रंजन, श्रीनगर से लौटकर। योजनाएं परवान चढ़ी तो कश्मीर जल्द ही विश्व पर्यटन में अपनी धमाकेदार उपस्थिति दर्ज करा सकता है। इसके लिए पाकिस्तान से लगे नियंत्रण के साथ-साथ 600 किलोमीटर लंबे हाइवे बनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। गुलमर्ग से लद्दाख के द्रास के बीच बनने वाला यह हाइवे हिमालय की कई चोटियों से होकर गुजरेगा। जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मणयम के अनुसार यह हाइवे पहाड़ के बीच 12-13 लंबी सुरंगों से होकर गुजरेगा। पूरे हाइवे के निर्माण पर लगभग 8000 करोड़ रुपये की लागत लाएगी।
हर चोटी पर जाने के लिए अलग-अलग रास्ते हैं
बीवीआर सुब्रह्मणयम के अनुसार गिलगित-बल्तिस्तान से लगी नियंत्रण के साथ पहाड़ों की चोटियों पर मनोरम प्राकृतिक स्थल हैं, उनमें कोई भी गुलमर्ग की सुंदरता से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि 'यहां का हर पर्यटन स्थल दूसरा गुलमर्ग साबित होगा', लेकिन फिलहाल वहां तक जाने का कोई साधन उपलब्ध नहीं है। हर चोटी पर जाने के लिए अलग-अलग रास्ते हैं। एक चोटी पर जाने के बाद पहले नीचे उतरना पड़ता है और उसके बाद ही दूसरी चोटी पर जाया जा सकता है।
बर्फ से ढकी चोटियों के बीच गुलमर्ग जैसे कई पर्यटन स्थलों का होगा विकास
जाहिर है आधारभूत संरचना के अभाव में इन मनोरम दृश्य वाले चोटियों पर पर्यटकों का जाना संभव नहीं हो पाता है। फिलहाल अधिकांश देशी-विदेशी पर्यटक केवल गुलमर्ग जा पाते हैं। श्रीनगर से 50 किलोमीटर दूर बर्फ से ढकी पहाड़ियों के बीच गुलमर्ग देश के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में गिना जाता है और यहां सर्दियों के खेलों का आयोजन भी किया जाता है। जाहिर नए हाईवे के बनने के बाद गुलमर्ग की तरह कई पर्यटक स्थलों के विकास का रास्ता खुल जाएगा।
घाटी में आतंकवादी वारदातों में कमी आने से पर्यटकों की संख्या में होगा भारी इजाफा
सुब्रह्मणयम के अनुसार जम्मू-कश्मीर सरकार ने इस योजना की रूपरेखा तैयार कर ली है और इसके लिए सेना की राय ली जा रही है। नियंत्रण रेखा के करीब के होने के कारण यह हाइवे सामरिक दृष्टिकोण से भी अहम साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह हाइवे गुलमर्ग से शुरू होकर बांदीपुरा जिले के गुलमर्ग से शुरू होकर कुपवाड़ा जिले के केरन और माछिल से होते हुए कारगिल और द्रास को जोड़ेगा जो नए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पड़ता है। वैसे उन्होंने यह नहीं साफ किया कि यह हाइवे कब तक बनकर तैयार हो जाएगा। जम्मू-कश्मीर प्रशासन को उम्मीद है कि जिस तरह से घाटी में आतंकवादी वारदातों में कमी आ रही है, उससे आने वाले सालों में पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हो सकता है। नए पर्यटक स्थलों के विकास से इलाके में इलाके में आधारभूत संरचना के निर्माण के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।