वर्क फ्राम होम करने वाले हो जाएं सावधान, कई गंभीर बीमारियों के हो सकते है शिकार
नोएडा के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल मिश्रा ने बताया कि लंबे समय से घर पर रहकर काम करने और उठने-बैठने के तरीके की अनदेखी व व्यायाम से दूरी ने बढ़ा दिया है घुटनों में दर्द ऐसे करें उपाय...
नई दिल्ली, जेएनएन। कोविड-19 के कारण लंबे समय तक चले लॉकडाउन के दौरान गलत तरीके से उठने-बैठने और बिस्तर पर लेटकर लैपटॉप पर काम करते रहने के कारण युवाओं सहित बुजुर्गों को भी घुटने में भी दर्द की शिकायत हो रही है। वर्क फ्रॉम होम के कारण पैदा हुई कई विकृतियों में जोड़ों में दर्द और घुटनों की समस्याएं प्रमुख रूप से सामने आ रही हैं।
हालांकि आजकल अनलॉक चल रहा है, लेकिन वर्क फ्राम होम के कारण बहुत से लोगों को अपना पूरा समय घरों में बिताना पड़ रहा है। इसी के चलते उनकी कई गतिविधियां न्यूनतम हो गई हैं। यही कारण है कि कभी लेटकर तो कभी बिस्तर पर पालथी मारकर लैपटॉप पर झुककर काम करने वालों को घुटने संबंधी शिकायत अधिक हो रही है। जानें क्या कहते है नोएडा के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल मिश्रा।
उठने-बैठने की गलत शैली हमारी आदत में शुमार हो गई है। ऑफिस में तो प्रॉपर डेस्कटॉप या लैपटॉप पर काम करते हैं, लेकिन घर पर रहते हुए ऐसा कोई अनुशासन कायम नहीं रह पाता है। युवाओं को कुर्सी, सोफे या पलंग पर भी घुटने मोड़कर बैठने में भी उन्हें कोई रोकता-टोकता नहीं है। पैर मोड़कर बैठने के इस तरीके में घुटने पर अधिक दबाव पड़ता है। इससे कम उम्र में ही घुटने खराब होने की समस्या बढ़ रही है।
महिलाओं में समस्या: चालीस साल के बाद महिलाओं में भी घुटने व जोड़ों संबंधी समस्या शुरू हो जाती है, जबकि पुरुषों में यह समस्या अधिक उम्र में होती है। करीब नब्बे प्रतिशत भारतीय महिलाओं में विटामिन-डी की कमी होती है, जो बोन मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने के लिए जरूरी है। अगर चलते समय घुटने में बहळ्त दर्द हो तो काफी संभावना है कि गठिया की शुरुआत हो चुकी है।
नजरअंदाज न करें इन लक्षणों को
- कुछ समय के लिए दिमाग खाली लगना या आंखों के सामने अंधेरा छा जाना
- पीठ, गर्दन और शरीर के निचले हिस्से में बहुत तेज दर्द। सिर चकराने के साथ ही किसी अंग का सुन्न हो जाना
कैसे रखें गर्दन का ध्यान
- कंप्यूटर पर काम करने का सीधा असर आंखों के बाद गर्दन पर पड़ता है
- तीन से चार घंटे तक यदि की-बोर्ड पर काम कर रहे हैं, तो कंप्यूटर से की-बोर्ड की दूरी एक फीट होनी चाहिए
- गर्दन के दर्द से बचने के लिए काम करते हुए टाई की जगह लूज कॉलर के शर्ट अधिक आरामदेह माने गए हैं
इसलिए होती है समस्या: जंक फूड के सेवन और विटामिन-डी की कमी से भी घुटनों में दर्द की शुरुआत होती है। शुरू में मरीज के घुटनों में दर्द होता है और उठने-बैठने में तकलीफ होती है, लेकिन जब दिक्कत बढ़ती है तो मरीज का चलना-फिरना दूभर हो जाता है। बहुत देर तक लगातार बैठकर काम करने, कम चलने-फिरने, मोटापा, धूप के कम संपर्क में रहने आदि से घुटनों में दर्द हो सकता है।
क्या करें उपाय: इसके लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम करना, साइकिल चलाना आदि अच्छे उपाय हैं। व्यायाम करने से जोड़ों की मांसपेशियां मजबूत रहती हैं और उनमें लचीलापन बना रहता है। इसके साथ ही जोड़ों को काफी सपोर्ट भी मिलता है। इसके अतिरिक्त मोटापे को नियंत्रित रखने के लिए अपने खानपान पर भी ध्यान देना चाहिए।