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    कभी माओवादियों का गढ़ था बस्तर का ये गांव, अब आजादी के बाद पहली बार पहुंचा मोबाइल नेटवर्क

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 12:16 PM (IST)

    बस्तर का एक गांव, जो कभी माओवादियों का गढ़ था, आजादी के बाद पहली बार मोबाइल नेटवर्क से जुड़ा। सरकार की दूरसंचार सेवाओं के विस्तार योजना के तहत यह संभव ...और पढ़ें

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    कोंडापल्ली गांव में पहली बार मोबाइल नेटवर्क पहुंचा।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जब देश के बड़े हिस्से में 5 जी नेटवर्क से बातें हो रही हैं, तब छत्तीसगढ़ के अति-संवेदनशील बस्तर के बीजापुर जिले में एक गांव में सिर्फ 4जी नेटवर्क आने पर ही जश्न जैसा माहौल छा गया।

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    तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित कोंडापल्ली गांव में पहली बार मोबाइल नेटवर्क पहुंचते ही ग्रामीण खुशी के मारे मांदर की थाप पर नाच उठे। दशकों तक माओवादी हिंसा से पीड़ित यहां के ग्रामीण सड़क, बिजली और पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहे हैं।

    मोबाइल टावर का सक्रिय होना, मानों दुनिया से सीधे जुड़ जाने जैसा था

    जैसे ही अधिकारियों ने घोषणा की कि टावर काम करना शुरू हो चुका है, गांव में उत्सव की लहर दौड़ गई। महिलाएं, पुरुष और बच्चे सभी एक साथ इकट्ठे होकर रैली की शक्ल में टावर स्थल तक पहुंचे। वहां पारंपरिक विधि से टावर की पूजा-अर्चना की गई और फिर मांजर (स्थानीय वाद्य यंत्र) की थाप पर ग्रामीण भावुक होकर नाच उठे।

    सुरक्षा बलों के जवानों ने भी उनकी खुशी में शामिल होकर मिठाइयां बांटी। यह दृश्य दिखाता है कि यह सुविधा उनके लिए केवल तकनीकी नहीं, बल्कि बाहरी दुनिया से पहला वास्तविक जुड़ाव है।

    क्षेत्र में कुल 728 नए टावर स्थापित किए गए

    माओवादी हिंसा का खौफ हटने के बाद यहां के युवा भी अब इंटरनेट की दुनिया में अपना कदम बढ़ाने को तैयार हो गए हैं। बीते दो वर्षों में संचार अधोसंरचना को मजबूत करने में भारी सफलता मिली है। क्षेत्र में कुल 728 नए टावर स्थापित किए गए हैं। जिनमें 467 विशेष रूप से 4-जी नेटवर्क के लिए लगाए गए हैं। साथ ही, 449 टावरों को 2जी से 4जी में अपग्रेड किया गया है।

    नियद नेल्ला नार योजना ने बदल दी तस्वीर

    राज्य में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार में बस्तर में माओवादियों के खिलाफ बंदूक और विकास दोनों से लड़ाई चल रही है। विकास की लड़ाई के लिए साय सरकार ने नियद नेल्ला नार योजना (आपका सबसे अच्छा गांव) शुरू की थी। इसके चलते बस्तर के सैकड़ों गांवों में विकास की बयार बहने लगी है। कोंडापल्ली की यह सफलता भी ''नियद नेल्ला नार'' योजना का परिणाम है।

    क्या-क्या बदल रहा है कोंडापल्ली में?

    सड़कः दिसंबर 2024 में कैंप स्थापित होने के बाद लंबे समय से बंद पड़ी 50 किलोमीटर सड़क का पुनर्निर्माण बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन द्वारा किया जा रहा है, जो प्रगति पर है।

    बिजली: केवल दो महीने पहले गांव में पहली बार बिजली लाइन पहुंची है, जिससे बच्चों की पढ़ाई और छोटे व्यवसायों को बल मिला है।

    प्रशासनिक सेवाएं: अब मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से यहां के ग्रामीण बैंकिंग, आधार, राशन, स्वास्थ्य योजनाओं और पेंशन जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे, जो अब तक उनके लिए एक दूर का सपना था।

    टावर नहीं, लोगों के सपनों का उठ खड़ा होना है: विष्णु देव साय

    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा, "कोंडापल्ली में मोबाइल नेटवर्क का पहुंचना सिर्फ एक टावर का खड़ा होना नहीं है, यह उन लोगों के सपनों का उठ खड़ा होना है जो वर्षों से दुनिया से कटे हुए थे। यह सिर्फ संचार की शुरुआत नहीं, बल्कि विश्वास, बदलाव और नई संभावनाओं के युग का आरंभ है।"

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