कोरोना संकट में आर्थिक मदद के लिए बार काउंसिल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
याचिका में संबंधित राज्य बार काउंसिल से पंजीकृत प्रत्येक वकील को तीन लाख रुपये तक का ब्याज रहित कर्ज देने का केंद्र और राज्यों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कोविड-19 की वजह से न्यायिक कामकाज प्रभावित होने के कारण संकट में पड़े जरूरतमंद वकीलों को आसान किस्तों पर कर्ज देने सहित आर्थिक मदद के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। कोविड-19 की वजह से मार्च के अंतिम सप्ताह से ही शीर्ष कोर्ट सहित देश भर की अदालतों में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई हो रही है, जिससे सामान्य वकीलों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह याचिका बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने दायर की है।
याचिका में संबंधित राज्य बार काउंसिल से पंजीकृत प्रत्येक वकील को तीन लाख रुपये तक का ब्याज रहित कर्ज देने का केंद्र और राज्यों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में राज्य बार काउंसिल के माध्यम से वितरित होने वाले इस कर्ज की अदायगी अदालतों में सामान्य तरीके से कामकाज शुरू होने के बाद कम से कम 12 महीने की किस्तों में करने का सुझाव दिया गया है।
इसके पहले खारिज हो चुकी है याचिका
बता दें कि इससे पहले अप्रैल के अंत में लॉकडाउन के दौरान वकीलों को वित्तीय सहायता देने की मांग करने वाली एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित करने से इनकार करते हुए उसे खारिज कर दिया था।
न्यायमूर्ति एनवी रमना की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने वकील पवन प्रकाश पाठक की याचिका पर सुनवाई के बाद बीसीआई को कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया था। याचिका में कोरोना वायरस की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान कठिनाइयों का सामना कर रहे वकीलों को वित्तीय सहायता देने की मांग की गई थी। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को उचित निर्देश देने को कहा गया था।