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बैंक हड़तालः सड़क पर उतरे 10 लाख कर्मचारी, बैंकिंग व्यवस्था चरमराई

वेतन में दो फीसद बढ़ोतरी के विरोध में बुधवार 30 और गुरुवार 31 मई को दो दिन देश के सभी सरकारी बैंकों में हड़ताल रहेगी।

By Arti YadavEdited By: Published: Wed, 30 May 2018 07:29 AM (IST)Updated: Wed, 30 May 2018 01:56 PM (IST)
बैंक हड़तालः  सड़क पर उतरे 10 लाख कर्मचारी, बैंकिंग व्यवस्था चरमराई
बैंक हड़तालः सड़क पर उतरे 10 लाख कर्मचारी, बैंकिंग व्यवस्था चरमराई

नई दिल्ली (जेएनएन)। देश के सभी सरकारी बैंकों के अलावा कुछ निजी व विदेशी बैंकों के तकरीबन 10 लाख कर्मचारी बुधवार से दो दिनों की हड़ताल पर हैं। वेतन में वृद्धि की मांग को लेकर बैंक कर्मचारी सड़कों पर उतर आए हैं। विभिन्न राज्यों में इस हड़ताल का असर साफ दिखाई दे रहा है। सरकारी बैंकों और एटीएम पर ताले लग गए हैं, जिसकी वजह से लोगों को परेशानियों का सामने करना पड़ रहा है।

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हड़ताल से देश की बैंकिंग व्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ने की आशंका है लेकिन इसका सबसे ज्यादा खामियाजा सरकारी बैंकों को उठाना पड़ सकता है। सरकारी क्षेत्र के 17 बैंकों को पिछली तिमाही में 60 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा हो चुका है। ये बैंक आगे का काम चलाने के लिए सरकार से अतिरिक्त वित्तीय मदद मांग रहे हैं। ऐसे में दो दिनों की हड़ताल से इन पर वित्तीय दबाव और बढ़ सकता है। एनपीए वसूली जैसी गतिविधियों पर भी असर होगा।

 

संसद मार्ग पर बैंक कर्मचारियों का प्रदर्शन

आज से बैंको की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल शुरू हो गई है। दिल्ली-एनसीआर में हड़ताल का असर साफ दिखाई दे रहा है। बैंक कर्मचारी सड़कों पर उतर आए हैं। गाजियाबाद में नवयुग मार्किट में कर्मचारियों ने रैली निकाली और नारे लगाए। वहीं हापुड़ में कर्मचारियों ने बैंक के सामने प्रदर्शन किया। वेतन में वृद्धि की मांग को लेकर बैंक कर्मचारियों ने संसद मार्ग पर प्रदर्शन किया।

बिहार में एटीएम बंद होने से लोग परेशान

हड़ताल का असर बिहार के सभी बैंकों और एटीएम पर दिख रहा है, जहां पटना समेत राज्य के अलग-अलग जिलों के एटीएम बंद हैं। एटीएम बंद होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोग कैश के लिये एक एटीएम से दूसरे एटीएम की दौड़ लगा रहे हैं। महीने की आखिरी तारीख होने के कारण लोगों के वेतन भुगतान और पेंशन राशि के भुगतान में भी परेशानी हो रही है।

उत्तर प्रदेश में बैंकों पर लटके ताले

मेरठ में ईस्टर्न कचहरी रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा पर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के सदस्यों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। यूनियन के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी है। इसके अलावा सभी सरकारी बैंकों पर ताले लटकने से ग्राहक परेशान होकर वापस लौट रहे हैं।

जम्मू कश्मीर में हड़ताल का आशिंक असर

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकाें की देशव्यापी हड़ताल का जम्मू कश्मीर में बुधवार को आंशिक असर दिखा। राज्य में जम्मू कश्मीर बैंक के इस हड़ताल में शामिल न हाेने से लोगों को कुछ खास परेशानी नही हुई। भले ही राष्ट्रीय बैंकों की शाखाएं बंद रही लेकिन इन बैंकों के उपभोक्ताओं के लिए भी जम्मू कश्मीर बैंक के 1205 एटीएम नगद निकासी के लिए खुले थी। बैंक ने नगद जमा करवाने के लिए भी 25 मशीनें लगाई हैं। जम्मू कश्मीर में बैकिंग के लिए ट्रेजरी भी जेके बैंक ही चलाता है, एेसे में हड़ताल का राज्य सरकार के कामकाज पर भी कोई असर नही है। 

सैलरी आने में हो सकती है देरी

इस हड़ताल से बैंक ग्राहकों पर भी असर होगा। चूंकि हड़ताल महीने के अंतिम दो दिनों (30 व 31 मई) को हो रही है, इन दो दिनों में तमाम सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों का वेतन उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है। हड़ताल के चलते इसमें देरी हो सकती है। बैंक कर्मचारियों के तमाम संगठनों का शीर्ष संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) और केंद्र सरकार के बीच इस हड़ताल को टालने के लिए बुलाई गई वार्ता असफल साबित हुई है।

वेतन में दो फीसद प्रस्ताव मंजूर नहीं

एसबीआइ, बैंक आफ बड़ौदा, केनरा बैंक समेत कई बैंकों ने अपने कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने के खिलाफ चेतावनी दी है लेकिन इसका असर होता नहीं दिख रहा है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि पिछले पांच वर्षो से कर्मचारियों के वेतन व भत्तों में बढ़ोतरी नहीं हुई है। कर्मचारी संगठनों और भारतीय बैंकसंघ (आइबीए) के बीच इस बारे में दस दौर की बातचीत हुई लेकिन उसका खास नतीजा नहीं निकला। इनका यह भी कहना है कि आइबीए की तरफ से वेतन व भत्तों में महज दो फीसद वृद्धि का प्रस्ताव किया गया था जो मंजूर नहीं है।

एटीएम हो सकते हैं खाली

कैश के मामले में एटीएम व बैंक के भरोसे रहने वाले सभी लोगों के लिए यह जरूरी खबर है। 30 और 31 मई को बैंक बंद रहने की वजह से एटीएम सर्विस प्रभावित हो सकती है। दो दिन एटीएम में कैश की किल्लत हो सकती है।

नेट बैंकिंग के दौर में असर कम होगा

जानकारों का मानना है कि इस बार हड़ताल का आम ग्राहकों पर होने वाला असर कम होगा। पहले जिस तरह से बैंकिंग हड़ताल से आर्थिक गतिविधियां ठप हो जाती थीं, वैसा नहीं होगा। इसके पीछे वजह यह है कि अब डिजिटल भुगतान की वजह से काफी कुछ बदल गया है। बैंक शाखाओं में काम नहीं होने के बावजूद ग्राहक ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे। बैंक इस बात का खास ख्याल रख रहे हैं कि डिजिटल भुगतान व्यवस्था में कोई परेशानी न हो। साथ ही यूपीआइ व अन्य भुगतान एप के जरिये भी लेनदेन में कोई परेशानी नहीं होगी। बैंकों की तरफ से एटीएम में पर्याप्त नकदी डालने की कोशिश की जा रही है ताकि लोगों को नकदी मिलने में भी कोई दिक्कत न हो।

निजी और सहकारी बैंक नहीं होंगे शामिल

वेतन में अल्पवृद्धि की मांग को लेकर 30 और 31 मई की हड़ताल में निजी और सहकारी बैंक शामिल नहीं होंगे। हालांकि यूपी बैंक इम्प्लाइज यूनियन के जिला मंत्री एमके चौहान और यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन के संयोजक एवं स्टेट बैंक स्टाफ एसोसिएशन के सर्किट डेलीगेट विमल कपूर ने निजी बैंकों और सहकारी बैंकों को भी हड़ताल का समर्थन करने की अपील की है।


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