भारत से सीख ले अब बांग्लादेश भी चलायेगा मिड डे मील योजना, अध्ययन के लिए आयी टीम
योजना का अध्ययन करने के लिए भारत आयी बांग्लादेश के मंत्री की अगुवाई में उच्चस्तरीय अध्ययन के लिए आयी टीम
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। स्कूली बच्चों के ड्राप आउट और कुपोषण की समस्या से मिड-डे मील के जरिए भारत को मिली कामयाबी की गूंज अब पड़ोसी देशों को भाने लगी है। यही वजह है कि बांग्लादेश ने भी इससे निपटने के लिए अपने यहां अब भारत की तर्ज पर स्कूली बच्चों को मिड-डे मील में बना हुआ पौष्टिक खाना उपलब्ध कराने की तैयारी में है।
फिलहाल इसे अमली जामा पहनाने के लिए बांग्लादेश की एक टीम इन दिनों भारत के दौरे पर है। भारत में मौजूदा समय में मिड-डे मील स्कीम के तहत 11 लाख से ज्यादा सरकारी स्कूली में पढ़ने वाले करीब सवा नौ करोड़ बच्चों प्रतिदिन खाना दिया जा रहा है।
बांग्लादेश से आयी अधिकारियों की टीम
बांग्लादेश के स्कूली शिक्षा मंत्री जाकिर हुसैन की अगुवाई में भारत आयी बांग्लादेश के अधिकारियों की टीम ने इस बीच योजना से जुड़े मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की है। इस दौरान मंत्रालय के अधिकारियों ने उन्हें इस योजना से जुड़े सभी पहलुओं से अवगत कराया है। टीम ने इस बीच दिल्ली के कुछ स्कूलों का भी जायजा लिया है। गुरूवार शाम को यह टीम तिरुवंतपुरम के लिए रवाना हुई है, जहां स्कूली बच्चों का खाना बनाने के लिए तैयार किए गए अत्याधुनिक भोजनालय को भी देखेंगे।
2023 तक लक्ष्य तय
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मिड-डे मील से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक बांग्लादेश भी भारत की तरह स्कूली बच्चों को पौष्टिक खाना तैयार कर देना चाहता है। इसके लिए उन्होंने 2023 तक लक्ष्य भी तय किया है। फिलहाल बांग्लादेश की इस पूरी योजना को लेकर रूचि इसलिए भी है, क्योंकि भारत जैसी समस्या बांग्लादेश में भी है। जहां हर साल बड़ी संख्या में बच्चे स्कूल छोड़ देते है। साथ ही वह कुपोषण से भी ग्रसित है। हालांकि बांग्लादेश के अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा समय में वह अपने कुछ चुनिंदा स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को खाने के लिए पैक्ड बिस्टिक देती है।