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डी लिट से नवाजी गईं शेख हसीना

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि हमारे परिवार के 18 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। तब वह और उनकी बहन विदेश में थे। उस समय भारत हमारे साथ खड़ा था।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 07:06 PM (IST)Updated: Sun, 27 May 2018 10:30 AM (IST)
डी लिट से नवाजी गईं शेख हसीना
डी लिट से नवाजी गईं शेख हसीना

जागरण संवाददाता, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में आसनसोल स्थित काजी नजरुल विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षा समारोह में शनिवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को डी लिट की उपाधि प्रदान की गई।

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इस मौके पर उन्होंने बेहद भावुक भाषण देते हुए कहा, 'रवींद्रनाथ व नजरुल का बंटवारा नहीं हुआ है, इसलिए मैं यहां हूं। यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि समूचे बांग्लादेश का है। बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम के नाम वाले इस विश्वविद्यालय से सम्मान मिलना मेरी जिंदगी की एक बड़ी उपलब्धि है। इस सम्मान को मैं बांग्लादेश के सभी नागरिकों व पूरे बंगाली समुदाय को समर्पित करती हूं। मेरी यही कामना है कि भारत-बांग्लादेश की दोस्ती दीर्घकालिक हो।'

हसीना ने कहा, 'सबका भले बंटवारा हो गया हो, लेकिन नजरुल का बंटवारा नहीं हुआ। उनका आंदोलन लोगों के अधिकारों के लिए था। दोनों ही देशों का राष्ट्रीय गीत कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा ही रचित है। मैं समस्त भारतवासियों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करती हूं। मुक्ति युद्ध के समय एक करोड़ शरणार्थियों को भारत ने शरण दी थी। इसके लिए बांग्लादेश तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और भारत के लोगों के प्रति कृतज्ञ है। यह भारत का ही सहयोग था कि हम फिर से खड़े हो सके।' उन्होंने कहा कि हमारे परिवार के 18 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। तब वह और उनकी बहन विदेश में थे। उस समय भारत हमारे साथ खड़ा था।


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