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हिप्र में तंबाकू उत्पादों पर बैन

हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को गांधी जयंती के मौके पर तंबाकू उत्पादों, गुटखा और पान मसाला के निर्माण, संग्रह, बिक्री व वितरण पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई। वैसे राज्य में 13 जुलाई को ही इन उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन सरकार ने इसे आज लागू किया। प्रदेश में सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने पर पहले से ही रोक लगी हुई है और शिमला को 'धूम्रपान-मुक्त' शहर घोषित किया जा चुका है। हिमाचल प्रदेश में तंबाकू निषेध अधिनियम तथा स्वास्थ्य सुरक्षा अधिनियम निदेशालय के तहत अब तंबाकू उत्पादों पर शिकंजा कसा जाएगा।

By Edited By: Published: Tue, 02 Oct 2012 08:34 AM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2012 12:35 PM (IST)
हिप्र में तंबाकू उत्पादों पर बैन

शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को गांधी जयंती के मौके पर तंबाकू उत्पादों, गुटखा और पान मसाला के निर्माण, संग्रह, बिक्री व वितरण पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई। वैसे राज्य में 13 जुलाई को ही इन उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन सरकार ने इसे आज लागू किया। प्रदेश में सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने पर पहले से ही रोक लगी हुई है और शिमला को 'धूम्रपान-मुक्त' शहर घोषित किया जा चुका है।

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हिमाचल प्रदेश में तंबाकू निषेध अधिनियम तथा स्वास्थ्य सुरक्षा अधिनियम निदेशालय के तहत अब तंबाकू उत्पादों पर शिकंजा कसा जाएगा।

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने 15 अगस्त से ऐसे उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। मगर प्रदेश के व्यापारी वर्ग ने पर्यावरण संरक्षण के लिए पॉलीथीन प्रतिबंध की तर्ज पर दो अक्टूबर का समय सरकार से मांगा था। राज्य सरकार का इसके पीछे तर्क यह रहा है कि 30 से 35 करोड़ रुपये गुटखा-तंबाकू उत्पादों से सरकार को राजस्व प्राप्त होता है और इसकी तीन गुणा राशि संबंधित उत्पादों के सेवन से होने वाली बीमारियों की रोकथाम पर खर्च हो रही है। इन उत्पादों से होने वाली बीमारियों के इलाज पर हिमाचल में 100 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।

ऐसे सारे उत्पाद हिमाचल में बाहरी राज्यों से ही आते हैं। राज्य में तीन अक्टूबर से दवा नियंत्रक खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण से सीधे शिकायत करने पर जुर्माना तथा जेल की हवा खानी पड़ सकती है।

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