FDI: विदेशी पूंजी निवेश को आमंत्रित करने के लिए बघेल ने खोला रियायतों का पिटारा
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य के 9 जिलों को एक करोड़ 20 लाख की राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से स्वीकृत की है।
रायपुर, राज्य ब्यूरो। कोरोना की वजह से चीन से कारोबार समेट रहे उद्योगों को छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित कर रही है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। इसके साथ ही सरकार कई तरह की रियायतें भी देने की तैयारी में है। सिंगल स्ट्रोक क्लीयरेंस, प्लग एंड प्ले सुविधा के साथ भूमि, कुशल श्रम शक्ति, प्रोजेक्ट की स्वीकृति का सरलीकरण, निवेश पैकेज, स्थानीय निवेशकों से साथ ज्वाईंट वेंचर, आवश्यक अधोसंरचना, बिजली, पानी के अधिभार में छूट दिया जा सकता है।
कोरोना से लड़ने के लिए नौ जिलों को मिला 1.20 करोड़
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य के 9 जिलों को एक करोड़ 20 लाख की राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से स्वीकृत की है। इसमें रायपुर को 20 लाख, राजनांदगांव, दुर्ग, कबीरधाम व बिलासपुर को 15-15 लाख, बलरामपुर, सूरजपुर, गौरेला और मुंगेली जिले को 10-10 लाख शामिल है।
कोरोना संकट में आइपीएस के लिए खुशखबरी, जल्द होगी डीपीसी, मिलेगा प्रमोशन
कोरोना संकट के बीच छत्तीसगढ़ के सीनियर आइपीएस अफसरों के लिए अच्छी खबर आई है। सरकार आइपीएस अफसरों की पदोन्नति के लिए डीपीसी करने जा रही है। एसपी, डीआइजी, आइजी के प्रमोशन की तैयारी गृह विभाग ने कर ली है। इसमें प्रदीप गुाा, टीआर पैकरा, बीएस ध्रुव, आरएन दास, मयंक श्रीवास्तव और टी एक्का प्रमोट होंगे।
छत्तीसगढ़ ने केंद्र से मांगी 4,140 करोड़ की कोल लेवी
कोरोना की वजह से आर्थिक संकट से बचने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार नए-नए रास्ते तलाश रही है। इसमें केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता के साथ ही राज्य अपना बकाया भी मांग रही है। राज्य ने अब कोयला पर वसूली गई लेवी का 4,140 करोड़ पये देने की मांग की है। इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद पटेल को पत्र लिखा है। जीएसटी क्षतिपूर्ति का 15 सौ करोड़ पये से अधिक देने की मांग लगातार की ही जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी का हालत नाजुक, कोमा में
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की हालत चिंताजनक बनी हुई है। वह कोमा में हैं। शनिवार को जोगी को दिल का दौरा पड़ा था। उन्हें रायपुर के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
गगनयान में एस्ट्रोनॉट्स के लिए कवच बनाएंगे युवा साइंटिस्ट विकास
कोरबा के होनहार युवा साइंटिस्ट विकास अग्रवाल अब भारत के अगले अंतरिक्ष मिशन गगनयान में कार्य करने जुट गए हैं। वे गगनयान में एस्ट्रोनॉट्स के बैठने वाले सर्विस मॉड्यूल और वहां मौजूद उपकरणों को बाहर के वातावरण से बचाने वाले कवच पर काम कर रहे हैं। इसरों से प्रक्षेपित होने वाले सभी रॉकेट के सैटेलाइट को बाहर की गर्मी से बचाने वाले सिस्टम पर कार्य करने वाली तकनीकी टीम में वे शामिल रहते हैं। इससे पहले विकास ने चंद्रयान व विश्व रिकार्ड कायम करने वाले 104 रॉकेट प्रक्षेपण अभियान में भी काम किया था। इसरो ज्वाइन करने से लेकर अब तक विकास 21 रॉकेट में काम कर चुके हैं।
ट्रिपल आइटी के शिक्षकों ने बनाया एप्लीकेशन, जो किसानों के लिए वरदान साबित होगी
कृषि विश्वविद्यालय रायपुर ने डॉक्टर क्रॉप एप बनाया है। इस एप में ट्रिपल आइटी के शिक्षकों ने एक अतिरिक्त एप्लीकेशन जोड़ा है जो किसानों के लिए वरदान बनेगी। इस एप में किसान फसल में लगे कीड़ों के फोटो खींचकर एप पर डालेंगे। एप तुरंत बता देगा कि कौन सा कीड़ा है और उसका उपचार क्या है। एप्लीकेशन का परीक्षण पूरा कर लिया गया है।
बस्तर के लोक साहित्य को संजोने में लगा दिया जीवन
बस्तर का साहित्य बेहद सशक्त और समृद्ध रहा पर यह सब स्रुति परंपरा में रहा। बहुत कुछ विलुा भी हो गया। इसका संकलन करने में जीवन खपाया हरिहर वैष्णव ने। हरिहर बस्तर के लोक साहियकार हैं। उन्होंने जनजातियों में प्रचलित कहानियों, गीतों को लिपिबद्घ किया। लोक साहित्य के प्रति उनका जुनून ऐसा है कि इसके लिए उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी। हरिहर वैष्णव 25 से ज्यादा किताबें लिख चुके हैं। उनके साहित्य में बस्तर की विशिष्ट प्रतिभाओं को भी स्थान मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा- इस बार ऐसे लगाए पौधे लगाए जाएं कि जमीन पर नजर आएं
छत्तीसगढ़ में मानसून आने से पहले एक बार फिर पौधे लगाने की तैयारी वन विभाग ने शुरू कर दी है। वन विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों से जब इस वर्ष का लक्ष्य पूछा, तो पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी ने सात करोड़ पौधे लगाने की योजना बताई। हालांकि पिछले तीन साल से लगातार सात-सात करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इतने पौधे धरातल पर नजर नहीं आए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दो टूक कहा कि इस बार ऐसे पौधे लगाएं कि वह जमीन पर नजर भी आएं। वह खुद पौधरोपण अभियान को देखेंगे और जमीनी हकीकत की जांच भी करेंगे।