बिगड़े मौसम के बीच 1007 श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन, मौसम ने डाला खलल
बिगड़े मौसम के मिजाज के बीच अमरनाथ तीर्थयात्रा के पहले दिन गुरुवार को 1007 श्रद्धलुओं ने पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए।
श्रीनगर (राज्य ब्यूरो)। बिगड़े मौसम के मिजाज के बीच अमरनाथ तीर्थयात्रा के पहले दिन गुरुवार को 1007 श्रद्धलुओं ने पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए। सुबह बारिश के बीच आधार शिविर नुनवान (पहलगाम) से मात्र 60 श्रद्धालुओं को छोड़े जाने के बाद यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया, जबकि बालटाल से सुबह रोके गए 1316 श्रद्धालुओं के जत्थे को दोपहर 12 बजे मौसम में आंशिक सुधार के बाद पवित्र गुफा की तरफ रवाना किया गया।
हालांकि फिर मौसम बिगड़ने पर कइयों को दोमेल से ही लौटना पड़ा। इससे पहलगाम में चार हजार से ज्यादा और बालटाल में भी करीब ढाई हजार से अधिक श्रद्धालुओं को रोका गया। मौसम के मिजाज को देखते हुए शुक्रवार सुबह पहलगाम व बालटाल से जत्था पवित्र गुफा की ओर भेजने का फैसला लिया जाएगा। इधर, जम्मू में आधार शिविर यात्री निवास भगवती नगर से तड़के हल्की बूंदाबांदी के बीच निकला 3434 श्रद्धालु का दूसरा जत्था शाम को बालटाल व पहलगाम पहुंच गया।
समुद्रतल से करीब 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित भगवान अमरेश्वर की गुफा में सुबह जब हर हर महादेव के जयघोष के साथ घंटियों की आवाज गूंजी तो पूरा वातावरण शिवमय हो गया। पवित्र गुफा में राज्यपाल एनएन वोहरा ने प्रथम पूजा की, जिसके साथ ही यात्रा शुरू हो गई।
डरे नहीं, यात्रा में पुख्ता प्रबंध
पवित्र गुफा में पूजा करने के बाद राज्यपाल ने वहां श्रद्धालुओं के लिए किए प्रबंधों का जायजा लिया। राज्यपाल ने श्रद्धालुओं को विश्वास दिलाया कि यात्रा में सुरक्षा समेत सभी प्रबंध किए गए हैं। डर की कोई बात नहीं है। उन्होंने यात्रा को सुरक्षित व सुखद बनाने के लिए सेना, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, पुलिस और नागरिक अधिकारी और अन्य सभी संबंधित एजेंसियों व श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के प्रयासों को सराहा। उन्होंने शिविर निदेशकों और तीर्थयात्रा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए यात्रा के प्रबंधन में शामिल सभी को चौबीस घंटे निगरानी करने पर जोर दिया।
मौसम ने रोके कदम
पहले दिन दर्शन करने की उम्मीद में करीब छह हजार श्रद्धालु बुधवार रात ही बालटाल और नुनवन स्थित आधार शिविरों में पहुंच गए थे। गुरुवार सुबह पांच बजे दोनों आधार शिविरों से किसी भी श्रद्धालु को पवित्र गुफा की तरफ जाने की इजाजत नहीं मिली, क्योंकि लगातार बारिश के चलते यात्रा मार्ग पर कई जगह फिसलन और भूस्खलन हुआ था। संबंधित कैंप अधिकारियों ने हालात का जायजा लेते हुए तय किया कि यात्रा को सुबह आठ बजे रवाना किया जाए, लेकिन मौसम में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद पहलगाम से यात्रा को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
बताया गया कि इससे पहले करीब 60 यात्री गुफा की ओर निकल चुके थे। दूसरी तरफ बालटाल के रास्ते दोपहर 12 बजे 1316 श्रद्धालुओं को मौसम में सुधार को देखते हुए आगे जाने की इजाजत दी गई। इनमें से कई लोग जब दोमेल पार कर गए तो मौसम फिर बिगड़ गया और जो वहां रुके थे, उन्हें संबंधित अधिकारियों ने आगे नहीं जाने दिया। यात्रा को बालटाल के रास्ते भी बंद कर दिया गया और दोमेल पहुंचे श्रद्धालुओं को बालटाल आधार शिविर लौटना पड़ा। जिला आयुक्त गांदरबल पीयूष सिंगला ने बताया कि दोपहर बाद बालटाल के रास्ते हेलीकॉटर सेवा भी कुछ देर के लिए सुचारू रही।
भूस्खलन से हाईवे पर अमरनाथ यात्री सहित सैकड़ों वाहन फंसे
बारिश के कारण गुरुवार सुबह रामबन जिले में हुए भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग करीब तीन घंटे बंद रहा। इसके बाद भारी जाम की वजह से हाईवे पर वाहनों की आवाजाही धीमी रही। इससे अमरनाथ यात्रा के दूसरे जत्थे में जम्मू से निकले वाहन भी घंटों फंसे रहे। भूस्खलन सुबह 7:50 बजे रामबन के डिगडोल में हुआ। दोनों तरफ के वाहन रोके जाने से अमरनाथ यात्रा का जत्था भी नाशरी टनल से रामबन में दाखिल होने के बाद फंस गया। इसके बाद हाईवे फोरलेन का काम कर रही कंपनी की मशीनें और कर्मचारी रास्ता खोलने में जुट गए। करीब तीन घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद मलबा हटा कर हाईवे को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया।