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कॉमेडी के नाम पर भद्दा जोक, ब्लाइंड कम्युनिटी की खिल्ली उड़ाने पर ट्रोल हुए स्टैंड अप कॉमेडियन मधुर

कॉमेडी के नाम पर दिव्यांगों या किसी समुदाय का मजाक उड़ाया जाना उनकी भावनाओं के खिलाफ है। ऐसे ही स्टैंड अप कॉमेडियन मधुर विरली ने नेत्रहीनों पर जोक सुनाया है। जिसे लेकर लोगों में काफी आक्रोश है सोशल मीडिया पर कॉमेडियन के खिलाफ अपनी गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 04 Jul 2022 01:40 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jul 2022 02:02 PM (IST)
कॉमेडी के नाम पर भद्दा जोक, ब्लाइंड कम्युनिटी की खिल्ली उड़ाने पर ट्रोल हुए स्टैंड अप कॉमेडियन मधुर
स्टैंड अप कॉमेडियन मधुर विरली (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, अमित शर्मा। 'बहुत ही संवेदनहीन, शर्म आनी चाहिए', 'इसमें हंसी मजाक जैसा क्या है, नेत्रहीन का मजाक उड़ाना तुम जोक समझते हो, और लोग इस पर ठहाका भी लगा रहे हैं, बहुत ही शर्मनाक'। स्टैंड अप कॉमेडियन मधुर विरली के वीडियो पर ये गुस्सा है उन लोगों का जो डिसेबल लोगों पर किए जोक को भद्दा मजाक बता रहे हैं। दरसल कॉमेडियन मधुर ने 23 जून को एक वीडियो क्लिप इंस्टाग्राम पर अपलोड की, जिसमें वो नेत्रहीन लोगों पर जोक सुना रहे हैं, इंटरनेट यूजर्स को ये जोक पसंद नहीं आ रहा और उनका गुस्सा कमेंट्स में नजर आ रहा है।

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वीडियो पोस्ट में मधुर ने क्या कहा ये यहां शब्दों की मर्यादा का खयाल रखते हुए हम नहीं लिख रहे हैं। विवादित वीडियो में युवा कॉमेडियन नेत्रहीन लोगों के अपने पार्टनर से इंटिमेट होने से पहले प्रिकॉशन यूज करने पर जोक करते हैं, जो बहुत से यूजर्स को अमर्यादित लगा। कमेंट्स में नाराजगी साफ दिख रही है। बहुत सारे यूजर्स इसे बेहद फूहड़ मजाक बता रहे हैं। कोई इसे बुलिंग बता रहा है कोई खराब जोक, किसी ने 'थर्ड क्लास' करार दिया है तो किसी ने सस्ती पब्लिसिटी। एक यूजर ने लिखा है कि डार्क कॉमेडी के नाम पर कुछ भी कह देना जायज नहीं। कुछ यूजर अपशब्द लिख कर भी अपना गुस्सा कॉमेडियन पर निकल रहे हैं।

ये पहला मौका नहीं है जब किसी कॉमेडियन पर लाइन क्रॉस करने का आरोप लगा हो। अप्रैल में हुए ऑस्कर अवॉर्ड फंक्शन में विल स्मिथ का कॉमेडियन क्रिस रॉक को थप्पड़ मार देना, पूरी दुनिया की सुर्खियों में रहा था। स्मिथ की पत्नी जेडा पिंकेट के बालों पर भद्दे कमेंट ने बॉडी शेमिंग जोक्स की निंदा की थी। यंग कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी अपने विवादित जोक्स के कारण जेल भी जा चुके हैं। हिन्दू देवी देवताओं का मजाक उड़ाने पर उनके कई शोज कैंसल हुए हैं।

कामेडियन मधुर विरली ने नहीं दिया कोई जवाब

मधुर का यूट्यूब चैनल स्कैन किया तो ये शो मुंबई के द हैबिटेट में हुआ है, ऐसा पता चलता है। मधुर स्टैंडअप की दुनिया में नए नहीं हैं लेकिन यूट्यूब पर उनके नाम से बने चैनल पर महज एक ही वीडियो है, 'मिस्टेक्स'। इसी वीडियो के बीच में 'ब्लाइंड' जोक है जिसकी क्लिप इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई है। यूट्यूब पर अपलोड इस वीडियो के कमेंट सेक्शन में तारीफों की कतार है। यूजर इस कॉमेडियन को ऑसम और कमाल का बता रहे हैं। एक यूजर तो यह तक लिख रहा है कि मैं खुद ब्लाइंड हूं लेकिन ये जोक मुझे पसंद आया। बेहुदे जोक पर मधुर का पक्ष जानने के लिए उन्हें इंस्टाग्राम डायरेक्ट मैसेज चैट में मैसेज छोड़ा गया है, जवाब आने पर उसे भी यहां शामिल किया जाएगा। मधुर के ट्विटर अकाउंट की पर्सनल डीटेल के मुताबिक वो दिल्ली के रहने वाले हैं।

कॉमेडियन वीर दास की कविता भी विवादित

पिछले साल कॉमेडियन वीर दास की अमेरिका में सुनाई कविता भी कंट्रोवर्सी में आई थी। वीर दास ने कहा था कि मैं उस देश से हूं जहां दिन में महिलाओं की पूजा और रात में दुष्कर्म होता है। 2016 में अंग्रेजी में स्टैंड अप कॉमेडी करने वाले AIB के तन्मय भट्ट की भी भारी आलोचना हुई थी जब उन्होंने लता मंगेशकर और सचिन तेंदुलकर का अपने वीडियो में भद्दा मजाक बनाया था। हालांकि उस वक्त तन्मय का तर्क था कि विदेशों में रोस्ट की परम्परा बड़े हेल्दी वे में ली जाती है लेकिन उस एक वीडियो ने तन्मय की खासी किरकिरी कराई थी। वो ट्रोल भी हुए थे और उनके खिलाफ प्रदर्शन भी हुए थे।

ब्लाइंड लोगों का उड़ा रहे मजाक: डॉ. गजानंद

पिछले लम्बे समय से ब्लाइंड बच्चों के लिए काम कर रहे डॉ. गजानंद अग्रवाल कॉमेडियन मधुर की इस नादानी से आहत हैं। वो कहते हैं कि कभी रोड क्रॉस के नाम पर कहीं कंडोम का नाम लेकर ये शख्स जोक नहीं सुना रहा, ब्लाइंड लोगों का मजाक उड़ा रहा है। बतौर दिव्यांग प्रशिक्षण केन्द्र निदेशक कहना चाहूंगा कि हम ब्लाइंड बच्चों को मोटिवेट करने में पूरी जिंदगी लगा देते हैं और तभी ऐसे लोगों की हरकत से वो भद्दे मजाक का शिकार बनते हैं। डॉ. गजानंद स्वयं ब्लाइंड हैं।

जोक्स के सहारे एक कम्युनिटी को हर्ट करने का मामला

हाइकोर्ट एडवोकेट संदीप सिखवाल का कहना है कि यह जोक के सहारे एक कम्युनिटी को हर्ट करने का मामला है। ऐसे मामलों में मानहानि का केस बनता है... अभिव्यक्ति की आजादी है लेकिन उसके मायने ये नहीं कि आप किसी को भी कुछ भी कह सकते हैं।


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