अब बैक्टीरिया दिलाएगा सीवर लाइन चोक होने की समस्या से निदान, ऐसे काम करेगा फॉर्मूला
प्रोजेक्ट ऑफिसर जय सिंह नरवरिया के अनुसार बायोटॉयलेट वाले बैक्टीरिया को डेवलप किया गया है। इसमें 20 तरह के बैक्टीरिया हैं, जिनका एक सम्मिश्रण तैयार किया गया है।
ग्वालियर, वरुण शर्मा। सीवर लाइन चोक होने से फैलने वाली गंदगी के दंश से जूझ रहे देश के नगर निगमों को जल्द राहत मिल सकती है। ग्वालियर के एक जुझारू अफसर ने देश में संभवत पहली बार जैविक सीवर लाइन का फॉर्मूला तैयार किया है। 20 तरह के बैक्टीरिया को डेवलप कर तैयार किया गया एक विशेष घोल 48 घंटे के अंदर चोक सीवर लाइन को खोल सकने में सक्षम होगा।
ग्वालियर नगर निगम ने इस विशेष घोल की टेस्टिंग भी सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो सीवर लाइन चोक रहने की बड़ी समस्या गुजरे दिनों की बात हो जाएगी। फॉर्मूला खोजने वाले ग्वालियर जिला पंचायत के यह प्रोजेक्ट ऑफिसर जय सिंह नरवरिया पहले भी देशभर में सबसे सस्ते बायोटॉयलेट का फॉर्मूला दे चुके हैं। बायोटॉयलेट में उपयोग होने वाले बैक्टीरिया से ही यह आयडिया उन्हें मिला।
ऐसे काम करेगा फॉर्मूला
प्रोजेक्ट ऑफिसर जय सिंह नरवरिया के अनुसार बायोटॉयलेट वाले बैक्टीरिया को डेवलप किया गया है। इसमें 20 तरह के बैक्टीरिया हैं, जिनका एक सम्मिश्रण तैयार किया गया है। इस बैक्टीरिया को एनाबोरिक माइक्रोबिअल कंसोसिएशन नाम दिया गया है। चोक पड़े सीवर को एक तरह से काटते हुए यह लाइन क्लियर कर देगा। सीवर में डालने के 48 घंटे में बैक्टिीरिया अलर्ट हो जाता है और काम शुरू करता है।
दुनिया में कहीं नहीं बैक्टीरिया बेस्ड फॉर्मूला
प्रोजेक्ट ऑफिसर जयसिंह नरवरिया की माने तो पूरी दुनिया में बैक्टीरिया आधारित फॉर्मूले का उपयोग नहीं होता है। इसको लेकर इंटरनेट, फोन कॉल्स के जरिये वैज्ञानिकों और शोध संस्थानों से संपर्क साधा। संपर्क कर यह जाना गया कि उक्त कंसेप्ट है या नहीं। विश्वभर के चुनिंदा विशेषज्ञों से जय सिंह नरवरिया ने खुद बात की, लेकिन कहीं भी यह बैक्टीरिया आधारित फॉर्मूले की जानकारी नहीं मिली। गौरतलब है कि जय सिंह नरवारिया ने महज 10 से 12 हजार रुपये में तैयार बायोटॉयलेट का फॉर्मूला देश को दिया था, जिसे प्रशासन सहित दूसरे राज्यों में भी पसंद किया गया। इसके लिए कई राज्यों ने उनसे संपर्क भी किया है।
घर और आसपास इस बैक्टीरिया का सफल रहा ट्रायल
नरवरिया ने अपने घर और आसपास इस बैक्टीरिया को ट्रायल के तौर पर सीवर लाइन में डाला। सैंपल ट्रायल में यह सफल रहा। अब नगर निगम कमिश्नर विनोद शर्मा से बात कर इस फॉर्मूले को शेयर किया गया है और शहर का एक ऐसा वार्ड मांगा गया है, जहां सीवर चोक की समस्या ज्यादा रहती है। निगम कमिश्नर ने सहमति दे दी है और जल्द इसका बड़े लेवल पर प्रयोग किया जाएगा।
सस्ते बायोटॉयलेट का फॉर्मूला देने वाले जिला पंचायत के प्रोजेक्ट ऑफिसर ने हमसे सीवर की समस्या से ग्रस्त एक वार्ड मांगा गया है। उन्हें वार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। यदि ट्रॉयल सफल होता है तो यह हमारे लिए बड़ी राहत लेकर आयेगा।
- विनोद शर्मा, कमिश्नर, नगर निगम,
ग्वालियर, मध्य प्रदेश