पद्म और नोबेल पुरस्कार के लिए की जाती है लाबिंग: रामदेव
पद्म विभूषण लेने से इंकार कर चुके योग गुरु बाबा रामदेव ने शनिवार को कहा कि पद्म पुरस्कार और यहां तक कि नोबेल पुरस्कार विजेताओं के चयन में भी बहुत अधिक लॉबिंग होती है। इनमें जिनका राजनीतिक प्रभाव होता है वे सफल रहते हैं।
नई दिल्ली। पद्म विभूषण लेने से इंकार कर चुके योग गुरु बाबा रामदेव ने शनिवार को कहा कि पद्म पुरस्कार और यहां तक कि नोबेल पुरस्कार विजेताओं के चयन में भी बहुत अधिक लॉबिंग होती है। इनमें जिनका राजनीतिक प्रभाव होता है वे सफल रहते हैं।
योग गुरु ने यहां कहा, 'पूरी दुनिया जानती है कि पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण और यहां तक कि नोबेल जैसे पुरस्कार जो अच्छे लोगों को ही दिया जाता है लेकिन उसके लिए बहुत अधिक लॉबिंग होती है। जिनका अधिक राजनीतिक प्रभाव होता है वे ये पुरस्कार पाने में सफल रहते हैं।' वह यहां एसोचैम द्वारा योग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने आए थे।
इस कार्यक्रम का आयोजन 21 जून को दुनिया भर में मनाए जाने वाले पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के पहले किया गया है। रामदेव को इस साल पद्म पुरस्कार ग्रहण करना था लेकिन उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर इस पुरस्कार को लेने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि वह सन्यासी हैं और देश और जनता की सेवा करना अपना कर्तव्य समझते हैं। देश की आधी आबादी बीमारियों की वजह से कर्ज में योग के लाभ के बारे में योगगुरु ने कहा कि भारत की 50 फीसद आबादी विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए कर्ज लेकर जीने और अपनी संपत्ति गिरवी रखने के लिए बाध्य है। बीमारियों को दवाओं के जरिये जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता। इसकी जगह वह व्यक्ति ही खत्म हो जाएगा। योग दलदल से निकालने का रास्ता योग इस दलदल से निकालने का रास्ता है। यह भारत के लोगों को दवाओं के बगैर स्वस्थ जीवन जीना सुनिश्चित कराएगा।
बाबा रामदेव ने कहा कि वह 10 करोड़ परिवारों से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में भाग लेने का आग्रह करेंगे। मोटापा कम करने के लिए देश भर में शिविर योग गुरु ने कहा कि हमारा लक्ष्य भारतीयों का एक करोड़ किलो वजन कम करने का है। इसके लिए हम पूरे भारत वर्ष में मोटापा के खिलाफ शिविर लगाएंगे।
हास्य विनोद से पूर्ण इस बातचीत में रामदेव ने योग सिखाने के लिए पैसे लेने और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने को भी उचित ठहराया। उन्होंने कहा कि योग सिखाने के लिए पैसे लेना तो शराब और ड्रग्स के लिए पैसे लेने बेहतर ही है। शराब और ड्रग्स स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। योग दिमाग और शरीर दोनों के लिए लाभदायक है। हमारे आयुर्वेदिक उत्पाद जनता को लाभ पहुंचाने के लिए हैं गलाकाट व्यवसाय के लिए नहीं। उन्होंने यह कहकर भी चुटकी ली कि यदि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ योग को बढ़ावा देगा तो इससे विवाद पैदा होगा।