दूसरे देशों में संक्रमण का प्रबल कारण बन सकता है कोरोना का बी.1.617.2 वैरिएंट, भारतीय वैज्ञानिक का दावा
एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा है कि भारत में पहली बार पाया गय़ा COVID-19 का वैरिएंट B.1.617.2 अधिक संक्रामक हैं और इस बात की संभावना है कि यह वैरिएंट अन्य देशों में प्रभावी हो सकता है। इसको लेकर उन्होंने कई बड़े दावे किए गए हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। देश के एक जाने माने विज्ञानी ने कहा है कि कोरोना वायरस का बी.1.617.2 वैरिएंट बहुत संक्रामक है और यह दूसरे देशों में संक्रमण का प्रबल कारण बन सकता है। यह वैरिएंट पिछले साल भारत में पहली बार सामने आया था। सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मालिक्यूलर बायोलाजी (सीसीएमबी) के एडवाइजर डा. राकेश मिश्र ने कहा कि बी.1.617.2 वैरिएंट भारत में पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में सामने आया था और फरवरी-मार्च के दौरान कोरोना की लहर में सबसे प्रमुख वैरिएंट बन गया।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के बी.1617 वैरिएंट में तीन बदलाव हो चुके हैं। यह बी.1617.1, बी.1617.2 और बी.1617.3 का रूप ले चुका है। इनमें से बी.1.617.2 वैरिएंट सबसे ज्यादा संक्रामक हो गया है। सबसे ज्यादा इसी वैरिएंट से लोग संक्रमित हो रहे हैं। केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में इस वैरिएंट के बड़ी संख्या में केस मिले हैं। ब्रिटेन में भी इसके मामले सामने के बाद से इस पर निगरानी रखी जा रही है।
वियतनाम में मिला कोरोना का हाइब्रिड वैरिएंट
वियतनाम में कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट पाया गया है। यह भारत और ब्रिटेन में पाए गए वायरस के स्ट्रेन का हाइब्रिड वैरिएंट यानी इन दोनों से मिलकर बना है। वियतनाम के स्वास्थ्य मंत्री गुयेन टी. लोंग के अनुसार, वियतनाम में हाल में कोरोना संक्रमण में तेजी का कारण यह वैरिएंट हो सकता है।
भारत में सबसे पहले पाया गया वैरिएंट 53 और देशों में मिला
कोरोनी की दूसरी लहर में जिस वैरिएंट बी.1.617 ने भारत में स्थिति को गंभीर बनाया, वह अब दुनिया के 53 देशों तक पहुंच चुका है। यह वैरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया था। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक बी.1.617 वैरिएंट के तीन रूप हैं। बी.1.617.1, बी.1.617.2 और बी.1.617.3। डब्ल्यूएचओ ने बी1.617 वैरिएंट को खतरनाक माना है और रिपोर्ट के मुताबिक यह वैरिएंट पूरी दुनिया में काफी तेजी से फैल रहा है।