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आयुष्मान भारत योजना: अलग-अलग पैकेज के तहत होगा गरीबों का कैशलेस इलाज

आयुष्मान भारत से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव का राज्यों का भरपूर समर्थन मिल रहा है।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 16 Mar 2018 09:03 PM (IST)Updated: Fri, 16 Mar 2018 09:03 PM (IST)
आयुष्मान भारत योजना: अलग-अलग पैकेज के तहत होगा गरीबों का कैशलेस इलाज
आयुष्मान भारत योजना: अलग-अलग पैकेज के तहत होगा गरीबों का कैशलेस इलाज

नीलू रंजन, नई दिल्ली। बजट में घोषणा के डेढ़ महीने के भीतर की आयुष्मान भारत की गाड़ी गति पकड़ने लगी है। 29 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने इसे लागू करने के लिए तैयार हो गए हैं। वहीं 10 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अलग-अलग पैकेज का खाका तैयार किया जा रहा है। अभी तक इस तरह के 1300 पैकेज का खाका तैयार किया जा चुका है। सरकार की कोशिश इस साल 15 अगस्त से इस योजना को पूरे देश में लागू करने की है।

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आयुष्मान भारत से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव का राज्यों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। अभी तक 29 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने इस योजना को अपने यहां लागू करने के लिए तैयार हो गए हैं। इन राज्यों को इसके लिए विशेष नोडल आफिसर नियुक्त करने और सामाजिक, आर्थिक व जातिगत जनगणना के आंकड़ों के हिसाब गरीब परिवारों की पहचान करने का करने का काम शुरू करने को कहा है। इसके बाद इन परिवारों को आधार डाटा से जोड़ दिया जाएगा, ताकि उन्हें कैशलेस चिकित्सा सुविधा आसानी से मुहैया करायी जा सके।

वहीं केंद्र सरकार ने विभिन्न बीमारियों के इलाज में आने वाले खर्च के आधार पर 1300 पैकेज का खाका तैयार किया है। अस्पतालों को इन्हीं पैकेज के आधार पर भुगतान किया जाएगा। भारत सरकार की चिकित्सा सेवाओं के महानिदेशक को इन पैकेज की जांच के लिए कहा गया है।

देश की लगभग 40 फीसदी आबादी को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने वाली इस योजना में केंद्र सरकार 60 फीसदी का अंशदान करेगी, जबकि पूर्वोत्तर और तीन पहाड़ी राज्यों में केंद्र का योगदान 90 फीसदी होगा। केंद्र शासित प्रदेशों में इस योजना का पूरा भार केंद्र सरकार वहन करेगी। वैसे राज्यों को इस योजना को लागू करने में ट्रस्ट या बीमा कंपनी का रास्ता अपनाने की छूट दी गई है। लेकिन राज्यों ने अभी तक बीमा कंपनियों के मार्फत इसे लागू करने में रूचि अधिक दिखाई है।


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