Ayodhya Verdict 2019 :12वीं सदी के हिंदू धार्मिक मूल की थी मस्जिद के नीचे मिली संरचना
उच्चतम न्यायालय ने फैसले में कहा कि विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल के नीचे एएसआइ की खोदाई से संकेत मिलता है कि अंदर जो संरचना थी वह 12वीं सदी की हिंदू धार्मिक मूल की थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को अपने फैसले में स्पष्ट कहा कि अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल के नीचे एएसआइ की खोदाई से संकेत मिलता है कि अंदर जो संरचना थी वह 12वीं सदी की हिंदू धार्मिक मूल की थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 23 अक्टूबर, 2002 को खोदाई और विवादित स्थल पर वैज्ञानिक जांच का काम सौंपा था।
आठवीं से दसवीं सदी के बीच हिंदू वहां पूजा-पाठ करते थे
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा कि बहुस्तरीय खोदाई के दौरान एक गोलाकार संरचना सामने आई, जिसमें 'मकर प्रणाला' था, जिससे संकेत मिलता है कि आठवीं से दसवीं सदी के बीच हिंदू वहां पूजा-पाठ करते थे। पीठ ने कहा कि अंदर पाई गई संरचना की प्रकृति इसके हिंदू धार्मिक मूल का होने का संकेत देती है, जो 12 वीं सदी की है।
मस्जिद पहले से मौजूद किसी संरचना पर बनी
एएसआइ की खोदाई से यह भी पता चला कि विवादित मस्जिद पहले से मौजूद किसी संरचना पर बनी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि मस्जिद का निर्माण कुछ इस तरह से हुआ कि पहले से मौजूद ढांचे की दीवारों का इस्तेमाल कर स्वंतत्र नींव बनाने से बचा गया।
17 लाइनों में बने 85 खंभों से संरचना की पुष्टि
एएसआइ की अंतिम रिपोर्ट बताती है कि खोदाई के क्षेत्र से मिले साक्ष्य दर्शाते हैं कि वहां अलग-अलग स्तरों पर अलग-अलग सभ्यताएं रही हैं, जो ईसा पूर्व दो सदी पहले 'उत्तरी काले चमकीले मृद्भांड' तक जाती हैं। न्यायालय ने कहा, 'एएसआइ की खोदाई ने पहले से मौजूद 12वीं सदी की संरचना की मौजूदगी की पुष्टि की है। संरचना विशाल है और उसके 17 लाइनों में बने 85 खंभों से इसकी पुष्टि भी होती है।'
हिंदू धार्मिक मूल का ढांचा
पुरातात्विक साक्ष्यों का विश्लेषण करने के बाद शीर्ष अदालत ने कहा कि नीचे बनी हुई वह संरचना, जिसने मस्जिद के लिए नींव मुहैया कराई, स्पष्ट है कि वह हिंदू धार्मिक मूल का ढांचा था।