Move to Jagran APP

Ayodhya Ram Mandir: सभी पवित्र नदियों और समुद्रों के जल से होगा राम मंदिर का भूमिपूजन

Ayodhya Ram Mandir श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक के बाद से राम मंदिर निर्माण की तैयारियां जोरों पर हैं। मंदिर निर्माण के दौरान पूरे समय गूंजेगी राम धुन।

By Amit SinghEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 10:21 AM (IST)
Ayodhya Ram Mandir: सभी पवित्र नदियों और समुद्रों के जल से होगा राम मंदिर का भूमिपूजन
Ayodhya Ram Mandir: सभी पवित्र नदियों और समुद्रों के जल से होगा राम मंदिर का भूमिपूजन

नई दिल्ली [माला दीक्षित]। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तैयारियां जोरों पर हैं। भूमि पूजन से लेकर मंदिर निर्माण के वक्त वहां के माहौल तक, हर विषय पर मंथन चल रहा है। गर्भगृह के नीचे की मिट्टी की ताकत जांचने, संपूर्ण भूमि का सर्वे कराने और भूमिपूजन के लिए सभी समुद्रों और देश की सभी पवित्र नदियों का जल लाने पर भी विचार हो रहा है। यह भी विचार है कि राममंदिर निर्माण के दौरान पूरे समय राम धुन गूंजती रहे।

loksabha election banner

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक के बाद से राम मंदिर निर्माण की तैयारियों ने जोर पकड़ा है। शनिवार को भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र अयोध्या गए थे। वहां उन्होंने संपूर्ण 67 एकड़ भूमि को देखा और अधिकारियों से चीजों को समझा। उन्होंने वह स्थान भी देखा जहां भगवान रामलला को स्थानांतरित किए जाने की योजना है। उन्होंने ट्रस्ट के कुछ ट्रस्टियों और महासचिव के साथ विचार-विमर्श किया। रामलला की वर्तमान सुरक्षा की जानकारी देने के लिए पुलिस की ओर से पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन भी दिया गया।

एक महीने में पूरे होंगे तीन महत्वपूर्ण कार्य

चर्चा के दौरान तय हुआ कि संपूर्ण भूमि का सर्वे कराया जाए। इसके अलावा जहां पर गर्भगृह बनना है, वहां की मिट्टी की ताकत जानने के लिए 50 फीट नीचे तक मिट्टी की जांच कराई जाएगी। यह सुझाव भी आया कि भगवान की शिफ्टिंग, भूमि का सर्वे और मिट्टी की जांच का काम एक महीने में पूरा हो जाना चाहिए। मंदिर निर्माण में बेवजह की देरी न हो।

29 फरवरी को समिति अध्यक्ष ने किया था दौरा

बताया जाता है कि निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र 29 फरवरी को जब अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर गए तो उनके साथ लार्सन एंड टुब्रो कंपनी के तीन विशेषज्ञ और सरकारी संस्था एनबीसीसी के पूर्व चेयरमैन और सेवानिवृत आइएएस अधिकारी दिवाकर त्रिपाठी भी उपस्थित थे। इसके अलावा तीन ट्रस्टी और महासचिव चंपत राय भी मौजूद थे।

भूमिपूजन की बड़ी तैयारी

गर्भगृह के स्थान पर भूमिपूजन के लिए आए सुझावों में कहा गया कि इस अवसर पर पूरे भारत के गृहस्थ और संत समाज का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। संपूर्ण देश के प्रतिनिधित्व के प्रतीक के तौर पर प्रत्येक प्रांत से कम से कम एक शिला लाए जाने की भी बात हुई। मंदिर निर्माण के दौरान पूरे समय राम धुन बजाने, परिसर में किसी सुरक्षित स्थान पर राम कथा, प्रवचन और राम के जीवन के मंचन की व्यवस्था करने का भी सुझाव है। चर्चा में यह भी कहा गया कि पूरा देश पूजन कार्यक्रम देख सके, इसकी भी तकनीकी व्यवस्था होनी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.