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Aurangabad Train Accident: ठेकेदार ने मौत से पहले मजदूरों से वसूली थी रोटी की कीमत, जानें क्‍या था पूरा मामला

महाराष्ट्र के जालना स्थित स्टील फैक्ट्री के ठेकेदार ने मजदूरों की ट्रेन हादसे में मौत से पहले उनसे उस रोटी की कीमत तक वसूली थी जो उसने उन्हें कुछ दिनों तक खिलाई थी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 11:16 PM (IST)Updated: Sun, 10 May 2020 02:13 AM (IST)
Aurangabad Train Accident: ठेकेदार ने मौत से पहले मजदूरों से वसूली थी रोटी की कीमत, जानें क्‍या था पूरा मामला
Aurangabad Train Accident: ठेकेदार ने मौत से पहले मजदूरों से वसूली थी रोटी की कीमत, जानें क्‍या था पूरा मामला

भोपाल, राज्‍य ब्‍यूरो। महाराष्ट्र के जालना स्थित स्टील फैक्ट्री के ठेकेदार ने मध्य प्रदेश के उमरिया के मजदूरों की औरंगाबाद में ट्रेन हादसे में मौत से पहले उनसे उस रोटी की कीमत तक वसूल ली थी, जो उसने उन्हें कुछ दिनों तक खिलाई थी। यह आरोप रेल हादसे में जान गंवाने वाले मजदूर नेमशाह की पत्नी देववती ने लगाया है। गौरतलब है कि औरंगाबाद में रेल की पटरी पर सो रहे मध्य प्रदेश के 16 मजदूरों की मालगाड़ी के गुजर जाने से मौत हो गई थी। वह महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश स्थित अपने-अपने घर पैदल ही आ रहे थे। थक जाने पर पटरियों पर ही सो गए थे।

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खाने के लिए भी उनके पास कुछ नहीं था

देववती ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उसके पति के पास पैसे नहीं बचे थे। खाने के लिए भी उनके पास कुछ नहीं था। इस दौरान ठेकेदार ने नेमशाह को खाना खिलाया। जब नेमशाह ने वापस जाने के लिए कहा तो ठेकेदार ने उस पर दबाव डाला कि पहले वह उसके खाने के पैसे चुका दे, तब वह उसे जाने देगा। आरोप है कि बाकी मजदूरों से भी ठेकेदार ने रुपये वसूले हैं।

पत्नी ने खाते में डाले रुपये

देववती ने बताया कि उसने पति के कहने पर उनके खाते में एक हजार रुपये डाले थे। जब नेमशाह जालना से जाने लगे तो ठेकेदार ने उससे एक हजार में से आधे यानी पांच सौ रुपये ले लिए। इसके बाद ही उसने नेमशाह को जाने दिया। नेमशाह ने अपनी पत्नी को यह बात फोन पर बताई थी और यह भी बताया था कि ठेकेदार ने सभी मजदूरों से पैसे लिए हैं। पांच सौ रुपये जेब में रखकर नेमशाह ने वापसी का सफर शुरू किया था, लेकिन रास्ते में ही मौत हो गई।

दो बेटे और दामाद को खोया

औरंगाबाद रेल हादसे में शहडोल जिले के अंतौली गांव ने बहुत कुछ खोया। एक साथ गांव के नौ लोगों की मौत हो गई। 60 वर्षीय रामनिरंजन सिंह ने हादसे में अपने दूसरे और तीसरे नंबर के दो बेटे और दामाद को खो दिया। वहीं चौथे नंबर का बेटा रघुराज सिंह पिछले पांच साल से लापता है। वह बेरोजगारी से तंग आकर काम की तलाश में चला गया था। रामनिरंजन के पांच बेटों में सबसे बड़ा बेटा अजीत सिंह रायपुर में मजदूरी करता है। दूसरा निरवेश व तीसरा रावेंद्र औरंगाबाद रेल हादसे का शिकार हो गए। सबसे छोटा पांचवें नंबर का बेटा जयप्रकाश सिंह अभी पढ़ाई कर रहा है।

बेटी की भी उजड़ गई मांग

रामनिरंजन की छोटी बेटी चंद्रवती की शादी मोहल्ले में ही रहने वाले दीपक सिंह के साथ हुई थी। वह भी दोनों बेटों के साथ रेल हादसे का शिकार हो गया। हादसे के बाद से रामनिरंजन की मानसिक हालत ठीक नहीं है। वह कभी अचानक हंसने लगते हैं तो कभी खामोश होकर रोने लगते हैं। रामनिरंजन की पत्नी का निधन काफी पहले हो गया था।

ज्ञात हो कि औरंगाबाद से 35 किलोमीटर पैदल सफर तय करने के बाद पैर दुखने लगे तो प्रवासी मजदूर रेल की पटरियों पर आराम करने लगे। इस दौरान श्रमिकों को झपकी लग गई और इसी बीच मालगाड़ी पटरियों पर सो रहे मजदूरों के ऊपर से निकल गई। मध्‍य प्रदेश के शहडोल-उमरिया के 16 लोगों की मौत इस दौरान हो गई।


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