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हिंदी दिवस पर बोले अतुल कोठारी, भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रम तैयार करना चुनौती

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के अखिल भारतीय मंत्री अतुल कोठारी ने भारतीय भाषाओं में अनुवाद के माध्यम से पाठ्य सामग्री तैयार करने का सुझाव दिया।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 10:18 PM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 10:18 PM (IST)
हिंदी दिवस पर बोले अतुल कोठारी, भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रम तैयार करना चुनौती
हिंदी दिवस पर बोले अतुल कोठारी, भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रम तैयार करना चुनौती

नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी दिवस के अवसर पर दैनिक जागरण के आयोजनों की श्रृंखला में 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति और भारतीय भाषाएं' विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसमें शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के अखिल भारतीय मंत्री अतुल कोठारी ने विचार रखे। उन्होंने माना कि भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रमों को तैयार करना कठिन है, लेकिन समग्रता से कोशिश की जाए तो इसे शीघ्र तैयार किया जा सकता है।

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कोठारी के मुताबिक, 'उच्च शिक्षा का भारत केंद्रित पाठ्यक्रम तैयार करना स्कूलों से अधिक कठिन है। हमारे यहां टुकड़ों में सोचने की आदत सी हो गई है और अगर इसे बदला जा सका तो काम आसान हो जाएगा। पाठ्यक्रम बनाने वालों में समग्र सोच का विकास करना होगा।'

अनुवाद के माध्यम से पाठ्य सामग्री तैयार करने का दिया सुझाव

उन्होंने भारतीय भाषाओं में अनुवाद के माध्यम से पाठ्य सामग्री तैयार करने का सुझाव दिया। कोठारी के मुताबिक इस वक्त हमारे देश में 40 केंद्रीय विश्वविद्यालय और करीब 850 राज्य विश्वविद्यालय हैं। अगर इन सभी विश्वविद्यालयों को हर वर्ष 10 पुस्तकों के अनुवाद का काम सौंप दिया जाए तो साल भर में करीब नौ हजार पुस्तकें अलग-अलग भाषाओं में तैयार हो सकती हैं।

हिंदी हैं हम के तहत किया गया आयोजन

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति विचार, बौद्धिकता और कार्यव्यवहार में भारत केंद्रित है। कोठारी के अनुसार इस शिक्षा नीति में अगर भारतीय भाषाओं के एक विश्वविद्यालय की परिकल्पना होती तो बेहतर होता। दैनिक जागरण की तरफ से यह आयोजन हिंदी को समृद्ध करने के अभियान 'हिंदी हैं हम' के तहत किया गया।

गौरतलब है कि आज यानी 14 सितंबर को देशभर में हिंदी दिवस मनाया गया। इस दौरान युवाओं में हिंदी के प्रति खासा उत्साह देखने को मिला। सोशल मीडिया से लेकर किताबों के प्रेम तक युवाओं में हिंदी के प्रति उत्साह बढ़ रहा है। 


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