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अटल की स्वर्णिम योजना के बाद मोदी की हीरक चतुर्भुज योजना

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश में स्वर्णिम सड़क चतुर्भुज का आगाज किया था। इसी तर्ज पर अपनी सरकार के पहले रेल बजट के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार महानगरों के बीच हीरक हाईस्पीड रेल चतुर्भुज की आधारशिला रख दी है।

By Edited By: Published: Wed, 09 Jul 2014 01:52 AM (IST)Updated: Wed, 09 Jul 2014 11:17 AM (IST)
अटल की स्वर्णिम योजना के बाद मोदी की हीरक चतुर्भुज योजना

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश में स्वर्णिम सड़क चतुर्भुज का आगाज किया था। इसी तर्ज पर अपनी सरकार के पहले रेल बजट के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार महानगरों के बीच हीरक [डायमंड] हाईस्पीड रेल चतुर्भुज की आधारशिला रख दी है। इसके बनने के बाद देश के एक कोने से दूसरे कोने में जाने में कई दिन नहीं, बल्कि कुछ घंटे लगेंगे।

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रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने लोकसभा में अपने पहले रेल भाषण में कहा कि प्रत्येक भारतीय की यह इच्छा और सपना है कि भारत में जल्द से जल्द बुलेट ट्रेन चलाई जाए। भारतीय रेल लंबे समय से संजोए हुए इस सपने को पूरा करने को प्रतिबद्ध है। गौड़ा ने याद दिलाया, 'हम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश के प्रमुख महानगरों और विकास केंद्रों को जोड़ने के लिए उच्च गति वाले रेल के हीरक चतुर्भुज नेटवर्क की महत्वाकांक्षी योजना शुरू कर रहे हैं।'

बकौल रेल मंत्री, इस संबंध में उपाय करने के लिए इस बजट में उच्च रफ्तार परियोजना के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड और हाईस्पीड रेल कॉरीडोर को 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। गौड़ा के मुताबिक, बुलेट ट्रेन के लिए पूरी तरह से नया तंत्र बनाने की जरूरत होगी, जबकि मौजूदा नेटवर्क को अपग्रेड करके मौजूदा ट्रेनों की गति बढ़ाई जाएगी। इसलिए चुनिंदा शहरों के बीच मौजूदा ट्रेन की गति बढ़ाकर 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे करने का प्रयास किया जाएगा ताकि प्रमुख शहरों के बीच यात्रा समय में काफी कमी आ सके।

मोदी ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी का आर्थिक एजेंडा जनता के समक्ष रखते हुए महानगरों को हाईस्पीड ट्रेन के नेटवर्क से जोड़ने की बात कही थी। मोदी का कहना था कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर हमें स्वर्णिम चतुर्भुज रोड नेटवर्क की तरह ही हाईस्पीड ट्रेन के हीरक नेटवर्क से महानगरों को जोड़ना चाहिए। एक अनुमान के मुताबिक महानगरों को हाईस्पीड ट्रेन नेटवर्क से जोड़ने पर करीब 12 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

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