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सोनिया गांधी, मुलायम सिंह समेत कई सांसदों की संपत्ति में 500 फीसद का इजाफा

हरियाणा से कांग्रेस विधायक दलाल ने मीडिया में जारी कर दी लिस्‍ट। हाल ही में सीबीडीटी ने सौंपी थी सुप्रीम कोर्ट को।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Wed, 20 Sep 2017 09:39 AM (IST)Updated: Wed, 20 Sep 2017 10:19 AM (IST)
सोनिया गांधी, मुलायम सिंह समेत कई सांसदों की संपत्ति में 500 फीसद का इजाफा
सोनिया गांधी, मुलायम सिंह समेत कई सांसदों की संपत्ति में 500 फीसद का इजाफा

नई दिल्ली/चंड़ीगढ़(जेएनएन)। दो चुनावों के बीच नेताओं की संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि को लेकर दाखिल याचिका पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। हलफनामे में सीबीडीटी ने कहा है कि आयकर विभाग ने जांच की तो पाया कि 26 लोकसभा सांसदों में से 7 लोक सभा सांसदों की संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

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वहीं अायकर विभाग की छापेमारी से नाराज हरियाणा के पलवल से कांग्रेस विधायक कर्ण सिंह दलाल ने मंगलवार को चंडीगढ़ में उन सभी सांसदों की सूची जारी कर दी, जिनकी संपत्ति में भारी बढ़ोतरी हुई है। दलाल का दावा है कि यह वही सूची है, जो केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है।

सूची के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मोदी सरकार के दो मंत्रियों समेत कुछ सांसदों की संपत्ति में आश्चर्यजनक ढंग से बढ़ोतरी हुई है। पांच साल के भीतर इन सांसदों की संपत्ति में 512 से 5649 फीसदी तक इजाफा हुआ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, मोदी सरकार में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री डीबी सदानंद गौड़, जल संसाधन, नदी विकास एवं संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के नाम भी इस सूची में शामिल हैं।

जिन सांसदों की संपत्ति में सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई, उनमें सत्‍तारुढ़ भाजपा के 15 सांसदों के नाम शामिल हैं। इस सूची में सांसदों की 2009 और 2014 की संपत्ति का तुलनात्मक जिक्र है।

सीबीडीटी ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में कुछ लोकसभा सदस्यों, राज्यसभा सदस्यों तथा विधायकों की संपत्ति में बढ़ोतरी होने की सीलबंद रिपोर्ट सौंपी थी। इनमें सात सांसद और 98 विधायक ऐसे हैं, जिनकी संपत्ति में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई।

इसलिए नाराज हैं दलाल

पांच दिन पहले दलाल के आवास और परिचितों के ठिकानों पर आयकर अधिकारियों ने छापेमारी की थी। दलाल का कहना है कि 2009 में वह विधायक भी नहीं थे, तब भी सरकार के दबाव में उनके यहां छापेमारी की गई। उन्होंने सूची जारी करते हुए चुनौती दी कि अगर यह गलत पाई जाए तो मुकदमा भुगतने को तैयार हैं।

आपको बता दें कि कर्ण दलाल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के समधी और पूर्व मंत्री भी हैं। दलाल के मुताबिक, सांसदों की यह सूची वही है, जो केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में दी है। दलाल ने कहा कि वह अगली बार राज्यसभा सदस्यों व विधायकों की सूची भी जारी करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए भाजपा ने जानबूझकर इस सूची में सोनिया गांधी का नाम डाला है।

जानिए क्या है मामला

लखनऊ के एक एनजीओ 'लोक प्रहरी' ने आरोप लगाया था कि लोकसभा के 26 सांसदों, राज्यसभा के 11 सांसदों और 257 विधायकों के चुनावी हलफनामे के मद्देनजर उनकी संपत्तियों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। इसी आरोप के बाद आयकर विभाग ने शुरुआती जांच की। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि लोकसभा के 9, राज्यसभा के 11 और 42 अन्य विधायकों की संपत्तियों के शुरुआती आकलन का काम अभी चल रहा है। आकलन पूरा होने के बाद उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर आगे फैसला लिया जाएगा।

सीबीडीटी ने कहा कि वह समय-समय पर चुनाव आयोग के प्रतिनिधियों को जांच की प्रगति रिपोर्ट साझा करते रहे हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो चुनाव के बीच जिन नेताओं की संपत्ति 500 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुकी है, उनका पूरा ब्योरा दिया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीडीटी से पूछा कि रडार पर आए इन नेताओं पर क्या करवाई की।

जस्टिस जे चेलामेश्लर की अगवाई में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने केंद्र सरकार को कहा था कि ये बताएं कि जांच कहाँ तक पहुँची है ? आपने क्या कारवाई की है ? कोर्ट ने इसका हलफनामा दायर कर करने को कहा था कोर्ट ने कहा है कि अगर सरकार नाम सार्वजनिक नही करना चाहती तो सील बंद लिफ़ाफ़े में कोर्ट में दायर कर सकती है।

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