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नागरिकता संशोधन विधेयक-2016 के खिलाफ असम में बंद, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

कई संगठनों ने साल 2013 में राज्य में अवैध शरणार्थियों मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 10:44 AM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 11:04 AM (IST)
नागरिकता संशोधन विधेयक-2016 के खिलाफ असम में बंद, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
नागरिकता संशोधन विधेयक-2016 के खिलाफ असम में बंद, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

गुवाहाटी, एएनआइ। असम में आज बंद का अह्वान किया गया है। नागरिकता संशोधन विधेयक-2016 के विरोध में आज 40 संगठनों ने बंद बुलाया है, जिसका असर भी देखने को मिल रहा है। सड़कें और बाजार सूने नजर आ रहे हैं। बंद के चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। असम में बंद के दौरान अभी तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।

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बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने राज्य भर में रेलवे पटरियों पर अवरोधक लगाने और ट्रेन परिचालन को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों ने यहां बताया कि ट्रेन के परिचालन को बाधित करने की कोशिश कर रहे लोगों को वहां से हटा दिया गया है। पुलिस पूरी तरह स्थिति को संभाले हुए हैं। हालांकि कई जगह प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर जलाए। बता दें कि सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों को पुलिस की सुरक्षा दी गई है, ताकि बंद के दौरान यातायात सुविधा सामान्य रह सके।

खबरों के मुताबिक, कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के नेता अखिल गोगोई ने कहा कि असम जातियतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) और अन्य 40 संगठनों ने बंद के लिए हाथ मिलाया है। कांग्रेस पार्टी ने भी इस बंद को अपना समर्थन दिया है। हालांकि वित्‍त मंत्री हिमंत बिस्‍व शर्मा ने कहा है कि राज्‍य में सभी दुकान खुली रहनी चाहिए। सरकारी कर्मचारी आवश्‍यक रूप से ऑफिस आएं, अगर ऐसा नहीं होता है तो यह कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी।

गौरतलब है कि कई संगठनों ने साल 2013 में राज्य में अवैध शरणार्थियों मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और निगरानी में यह काम शुरू हुआ था, जिसके बाद गत 30 जुलाई में फाइनल ड्राफ्ट जारी किया गया। वैसे, सुप्रीम कोर्ट ने जिन 40 लाख लोगों के नाम लिस्ट में नहीं हैं, उन पर किसी तरह की सख्ती बरतने पर फिलहाल के लिए रोक लगाई है।


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