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असम में अंबुबाची मेले की तैयारी जोरों पर, उत्तर पूर्व पर्यटन को प्रमोट करने का उद्देश्य

असम में 22 जून से शुरु होने जा रहे चार दिवसीय अंबुबाची मेला की तैयारी चल रही है...

By Srishti VermaEdited By: Published: Wed, 17 May 2017 01:15 PM (IST)Updated: Wed, 17 May 2017 10:59 PM (IST)
असम में अंबुबाची मेले की तैयारी जोरों पर, उत्तर पूर्व पर्यटन को प्रमोट करने का उद्देश्य
असम में अंबुबाची मेले की तैयारी जोरों पर, उत्तर पूर्व पर्यटन को प्रमोट करने का उद्देश्य

गुवाहाटी (एएनआई)। असम के प्रसिद्ध मंदिर कामाख्या मंदिर में मंगलवार को अजरबैजान समूह के 200 सदस्यों के भीड़ की रौनक ने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। भारत भ्रमण के उद्देश्य से आए अजरबैजान के नागरिक अपनी तरफ लोगों को आकर्षित होते देख कर खुश थे। समूह की एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि हम लगभग 200 लोग भारत दर्शन को आए हैं। उत्तर पूर्व और ब्रह्मपुत्र नदी बहुत ही खूबसूरती देखने आए हैं।  

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मालूम हो कि, असम में 22 जून से शुरु होने जा रहे चार दिवसीय अंबुबाची मेला की तैयारी चल रही है। यह माना जाता है कि स मेले में इस स्थल पर मॉनसून के दौरान धरती मां के 'मासिक धर्म' की रचनात्मकता का दर्शन भक्तों के लिए सुलभ हो जाती है। मंदिर के एक पंडित बताते हैं कि इस मंदिर में किसी प्रकार का कोई मूर्ति नहीं है लेकिन पत्थरों से बनी एक योनि आकार की प्रतिमा है जो एक प्राकृतिक वसंत प्रवाह का स्रोत है, और इसे ही श्रद्धालुओं द्वारा पूजा जाता है। 

यह मेला तांत्रिक शक्तियां प्राप्त करने के लिए प्रसिद्ध है, जो भारत के पूर्वी भागों में प्रचलित प्रथा है। इस दौरान कई तांत्रिक बाबा इन चार दिनों में ही अपनी सार्वजनिक उपस्थिति देते हैं जबकि साल के बाकी दिनों में लोगों की पहुंच से दूर अपनी दुनिया में रहते हैं। इसी मेले में कुछ बाबा अनोखे तरीके से अपनी शक्तियों का प्रदर्शन करते हैं। वे अपनी सिर जमीन पर रख अपनी पूरे शरीर को उपर उठा काफी देर तक अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हैं। मंदिर की रिकॉर्ड के अनुसार लगभग दस लाख श्रद्धालुओं की भीड़ इस मेले में हर साल आती है।

राज्य के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल शर्मा ने उत्तर पूर्वी भारत पर्यटन और इस पावन धरती की दैवीय शक्ति को पूरे भारत में प्रचार-प्रसार करने के लिए की 37 दिन की बाईक रैली के आयोजन का लक्ष्य रखा है। पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने ये कहा। इस मेले के आयोजन के मद्देनजर पर्यटकों की सुविधा के लिए हवाईअड्डे और रेलवे स्टेशन में पर्यटक काउंटर स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा इसमें लोगों को गाईड की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, कई जगहों पर रहने के लिए सुविधाजनक आवास की व्यवस्था की जाएगी जहां मेहमानों की सुरक्षा और स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के द्वार तीन दिन के लिए रस्म के रूप में बंद रहेंगे।

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