Move to Jagran APP

NRC की फाइनल लिस्ट में नहीं है पूर्व आर्मी ऑफिसर का नाम, कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को चटाई थी धूल

सनाउल्लाह ने 30 वर्षों तक सेना में अपनी सेवा दी और उन्होंने कारगिल युद्ध में हिस्सा भी लिया था। उनकी सेवा के लिए उन्हें राष्ट्रपति द्वारा पदक भी दिया जा चुका है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 05:04 PM (IST)Updated: Sun, 01 Sep 2019 12:19 AM (IST)
NRC की फाइनल लिस्ट में नहीं है पूर्व आर्मी ऑफिसर का नाम, कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को चटाई थी धूल
NRC की फाइनल लिस्ट में नहीं है पूर्व आर्मी ऑफिसर का नाम, कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को चटाई थी धूल

गुवाहाटी, एएनआइ। भारतीय सेना के पूर्व आर्मी ऑफिसर मोहम्मद सनाउल्लाह का नाम फिर  राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens) की अंतिम सूची में भी नहीं आया है। हालांकि मोहम्मद सनाउल्लाह ने अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है। बता दे कि उनकी नागरिक्ता को लेकर गोहाटी उच्च न्यायालय में मामला लंबित पड़ा है।

loksabha election banner

एनआरसी की अंतिम सूची में नाम न आने से निराश सनाउल्लाह ने बताया कि मुझे अपना नाम फाइनल लिस्ट में आने की उम्मीद नहीं थी, क्योंकि मेरा मामला अभी भी उच्च न्यायालय में लंबित है। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और मैं भरोसा है कि मुझे न्याय मिलेगा।

शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असम में एनआरसी की अंतिम सूची जारी की। इस सूची में 19 लाख से अधिक लोगों के नाम शामिल नहीं है। राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला ने आधिकारिक बयान में कहा है कि अंतिम सूची में तीन करोड़ से अधिक लोगों को योग्य पाया गया है।

28 मई को सनाउल्लाह को किया गया था गिरफ्तार
बता दें कि सेना से मानद लेफ्टिनेंट के रूप में सेवानिवृत्त हुए सनाउल्ला को एनआरसी के नियमों के अनुरूप नहीं पाए जाने पर 28 मई को गिरफ्तार कर लिया गया था। ये गिरफ्तारी ट्रब्यूनल की तरफ से विदेशी घोषित किए जाने के बाद हुई। सनाउल्लाह ने 30 वर्षों तक सेना में अपनी सेवा दी और उन्होंने कारगिल युद्ध में हिस्सा भी लिया था। उनकी सेवा के लिए उन्हें राष्ट्रपति द्वारा पदक भी दिया गया था।

गुवाहाटी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
इसके बाद मोहम्मद सनाउल्ला को असम के एक डिटेंशन कैम्प में भेज दिया था। जिसके बाद उनके परिवार के लोगों ने गुवाहाटी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। गुवाहाटी हाईकोर्  की तरफ से उन्हें राहत मिली और उन्हें डिटेंशन कैम्प से रिहा कर दिया गया। उन्हें यह रिहाई 20 हजार रुपए के जमानत बॉन्ड और 2 स्थानीय जमानतदार दी गई थी।

हालांकि, हाईकोर्ट ने फॉरनर्स ट्रब्यूनल के पहले के आदेश को निरस्त नहीं किया, जिसें सनाउल्लाह को विदेशी करार दिया गया है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस याचिका पर सुनवाई आगे जारी रहेगी।

यह भी पढ़ें- Assam NRC List: गृह मंत्रालय ने अंतिम सूची की जारी, 19 लाख से ज्यादा लोगों के नाम नहीं
यह भी पढ़ें- Assam NRC Final List: अंति‍म सूची में जगह नहीं पाने वाले यहां कर सकते हैं अपील


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.