असम में नेशनल लिबरेशन फ्रंट के 23 उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण, मुख्यमंत्री बोले-स्वागत योग्य कदम
पश्चिमी असम के लालपानी में आयोजित एक कार्यक्रम में एनएलएफबी के स्वघोषित प्रमुख एम बाथा के नेतृत्व में 23 उग्रवादियों ने राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री पिजुष हजारिका के सामने हथियार डाल दिए। पढ़ें इससे संबंधित पूरी जानकारी।
गुवाहाटी, आइएएनएस। असम में नेशनल लिबरेशन फ्रंट आफ बोडोलैंड (एनएलएफबी) के 23 उग्रवादियों ने गुरुवार को आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें संगठन का सरगना और शीर्ष कमांडर शामिल हैं। पश्चिमी असम के लालपानी में आयोजित एक कार्यक्रम में एनएलएफबी के स्वघोषित प्रमुख एम बाथा के नेतृत्व में 23 उग्रवादियों ने राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री पिजुष हजारिका के सामने हथियार डाल दिए। हजारिका ने उग्रवादियों के मुख्यधारा में लौटने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा के अनुरोध पर एनएलएफबी के सदस्य घर लौट आए हैं।
असम के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एक ट्वीट कर कहा, एनएलएफबी प्रमुख एम बाथा समेत इसके कैडरों का आत्मसमर्पण एक स्वागत योग्य कदम है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में असम और पूर्वोत्तर में शांति और विकास के प्रति लोगों के विश्वास का प्रतीक है। इसके लिए मैं गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा को बधाई देता हूं।
बता दें कि बीते दिन ही छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने सुकमा जिले के कुंदेड़ गांव से अगवा किए गए नौ ग्रामीणों समेत उन्हें छुड़ाने गए 25 अन्य ग्रामीणों को सकुशल रिहा कर दिया है। नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर सभी को पुलिस की मुखबिरी नहीं करने की सख्त चेतावनी दी है। नक्सलियों ने 17 जुलाई को दो और 18 जुलाई को कुंदेड़ के सात ग्रामीणों को अगवा कर लिया था। एक दिन बीतने के बाद भी जब वे घर नहीं लौटे तो उन्हें छुड़ाने के लिए 25 अन्य ग्रामीण भी जंगल गए थे। इन्हें भी नक्सलियों ने बंधक बना लिया था।
घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस जब कुंदेड़ पहुंची तो गांव में केवल महिलाएं मिलीं। इसके बाद से पुलिस ग्रामीणों की तलाश में जुटी हुई थी। एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि मंगलवार की रात सभी ग्रामीण अपने घर पहुंच गए हैं। ग्रामीणों से अभी विस्तार से चर्चा नहीं हो पाई है