असम की बालिका वधू की आपबीती, रात 2 बजे दरवाजे पर हुई पुलिस की दस्तक, सरकार बाल विवाह के खिलाफ चला रही अभियान
असम में हिमंता बिस्वा सरमा सरकार बाल विवाह के खिलाफ व्यापक अभियान चला रही है। बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में पुलिस ने शनिवार तक 2258 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि कुल 8000 आरोपितों की सूची उनके पास है।
मोरीगांव, पीटीआई। असम में हिमंता बिस्वा सरमा सरकार बाल विवाह के खिलाफ व्यापक अभियान चला रही है। ऐसे में अब असम पुलिस ने धरपकड़ की कार्रवाई तेज कर दी है। प्रशासन के इस कार्रवाई के बीच कुछ परिवार का दर्द भी सामने आया है। निमी (बदला हुआ नाम) जो कि डेढ़ महीने पहले मां बनी थी उसने बताया कि उसके गांव में भय और असुरक्षा का माहौल है। बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में पुलिस ने शनिवार तक 2,258 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि कुल 8,000 आरोपितों की सूची उनके पास है।
निमी के पति को उठा ले गए
अपने डेढ़ महीने के बेटे के साथ निमी ने कहा कि गुरुवार को रात करीब दो बजे दरवाजे पर दस्तक हुई। हमने दरवाजा खोला और पुलिसकर्मियों को बाहर पाया। वे मेरे पति को ले गए। मेरा पति गिड़गिड़ाता रहा लेकिन पुलिस उसे पकड़कर ले गई। अब मैं क्या करूं। मेरे परिवार का क्या होगा?
रेजिना का दर्द- मेरी बहू कम उम्र की नहीं
रेजिना के बेटे रजीबुल हुसैन को गुरुवार शाम करीब छह बजे पुलिस ने घर से गिरफ्तार किया है। रेजिना ने दावा किया कि मेरी बहू कम उम्र की नहीं है, लेकिन उसके आधार कार्ड में कुछ त्रुटि है, जिसके कारण मेरा बेटा अब सलाखों के पीछे है।
रूपा और रिया का दर्द भी कम नहीं
एक अन्य बालिका वधू रूपा दास (बदला हुआ नाम) नौ महीने की गर्भवती है। उन्होंने कहा कि हमने सहमति से शादी की है। मेरे पति को रिहा किया जाए। पति-पत्नी के अलावा मेरे साथ कोई नहीं है। अब मैं क्या करूंगी? वहीं 16 वर्षीय रिया (बदला हुआ नाम) की पीड़ा भी कम नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा कोई और परिवार नहीं है क्योंकि हमने भागकर शादी की थी।
यह भी पढ़ें- आईएआरसी का आकलन 2040 तक भारत समेत एशिया में 59% बढ़ेंगे कैंसर के नए मरीज, संतुलित भारतीय खाना कम करेगा खतरा