Assam floods: असम में बाढ़ से बिगड़े हालात, केंद्र सरकार ने गुवाहाटी और सिलचर के बीच शुरू की आपातकालीन उड़ान सेवा
असम में बाढ़ के कारण परिवहन संपर्क बाधित है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने उड़ान (UDAN) योजना के तहत गुवाहाटी और सिलचर के बीच एक आपातकालीन उड़ान सेवा शुरू की है। ताजा हालात जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...
नई दिल्ली, एएनआइ। असम में बाढ़ के चहले हालात खराब हो गए हैं। बाढ़ के कारण परिवहन संपर्क बाधित है इसलिए उड़ान (UDAN, उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत गुवाहाटी और सिलचर के बीच एक आपातकालीन उड़ान सेवा शुरू की गई है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Civil Aviation Minister, Jyotiraditya Scindia) ने बताया कि इस उड़ान सेवा में टिकट की लागत 3,000 रुपये प्रति सीट होगी।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कहा कि असम में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए उड़ान योजना (UDAN, Ude Desh ka Aam Nagarik) के तहत गुवाहाटी और सिलचर के बीच एक आपातकालीन उड़ान सेवा शुरू की गई है। हवाई टिकट की लागत 3,000 रुपये है। उम्मीद है कि सरकार की इस पहल से बाढ़ पीड़ित परिवारों को मदद मिलेगी।
समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक असम में शुक्रवार को बाढ़ की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ लेकिन नगांव, होजई, कछार और दरांग जिलों में स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Assam State Disaster Management Authority) की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 29 जिलों में करीब 7.12 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। अकेले नगांव जिले में 3.36 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं जबकि कछार जिले में 1.66 लाख, होजई में 1.11 लाख और दरांग जिले में 52,709 लोग प्रभावित हुए हैं।
#WATCH असम: भारी बारिश के बाद असम के कछार ज़िले में बाढ़ की स्थिति देखने को मिली। सामान्य जनजीवन प्रभावित है। pic.twitter.com/9tfUg3Cf2V— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 20, 2022
कछार, लखीमपुर और नगांव जिलों में शुक्रवार को बाढ़ के पानी में डूबने से दो बच्चों सहित चार लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में बाढ़ और भूस्खलन की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार 80036.90 हेक्टेयर फसल भूमि और 2,251 गांव अभी भी जलमग्न हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सुरक्षित स्थानों पर कैंप स्थापित किए गए हैं। जिला प्रशासन द्वारा स्थापित 234 राहत शिविरों में वर्तमान में कुल 74705 बाढ़ प्रभावित लोग रह रहे