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Assam Flood: असम में बाढ़ की स्थिति में मामूली सुधार, क्षतिग्रस्त रेलवे नेटवर्क को बहाल करने का काम जारी

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार नागांव जिले में 3.64 लाख से अधिक लोग जिनमें कामपुर राजस्व मंडल के 2.22 लाख लोग शामिल हैं अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य में बाढ़ प्रभावित जिलों के 1073 गांवों की 51671.52 हेक्टेयर फसल भूमि अभी भी पानी में है।

By Babli KumariEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 02:39 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 02:40 PM (IST)
Assam Flood: असम में बाढ़ की स्थिति में मामूली सुधार, क्षतिग्रस्त रेलवे नेटवर्क को बहाल करने का काम जारी
भारी बारिश के कारण असम में जलभराव का इलाका (फोटो/एएनआई)

नागांव, एएनआइ। असम में बाढ़ की स्थिति में मामूली सुधार होने के बावजूद असम के 15 जिलों में लगभग 5.75 लाख लोग प्रभावित हैं।असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, नागांव जिले में 3.64 लाख से अधिक लोग, जिनमें कामपुर राजस्व मंडल के 2.22 लाख लोग शामिल हैं, अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं। एएसडीएमए के अनुसार, राज्य में बाढ़ प्रभावित जिलों के 1073 गांवों की 51,671.52 हेक्टेयर फसल भूमि अभी भी पानी में है।

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असम के विभिन्न जिलों में बाढ़ की स्थिति के कारण नागांव जिले के रोहा गांव पानी में डूब गए है। नागांव जिले के रोहा के निचले गांवों में बाढ़ की स्थिति के कारण गंभीर स्थिति बनी हुई है. .... नागांव जिला रोहा गांव क्षेत्र में बाढ़ के बाद डूबा हुआ है।

बाढ़ से फसलों और घरों को हुआ नुकसान

राज्य में आई प्राकृतिक आपदा ने राज्य के हजारों किसानों की फसलों और घरों को नुकसान पहुंचाकर उन्हें बुरी तरह प्रभावित किया है। नगांव के कामपुर राजस्व मंडल के अंतर्गत टेटेलिसोरा गांव के किसान प्रदीप बोरा ने कहा- 'बाढ़ ने हमें बुरी तरह प्रभावित किया है। विनाशकारी बाढ़ ने मेरी धान की फसल और घर को नुकसान पहुंचाया था। मैंने 10 बीघा धान की फसल की खेती की थी, लेकिन बाढ़ ने सब बर्बाद कर दिया। हमारे क्षेत्र के कई किसानों ने बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों से खेती के लिए ऋण लिया था, लेकिन इसने सब बर्बाद कर दिया। अब, हम कर्ज कैसे चुकाएंगे?'

कामपुर राजस्व मंडल के एक अन्य किसान मोहम्मद सहजन अली ने कहा कि उन्हें भी इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ा था। अली ने कहा, 'मैंने धान की खेती के लिए बैंक से कर्ज लिया था, लेकिन बाढ़ ने उसे नुकसान पहुंचाया। हमारे इलाके की करीब 3,000-4,000 बीघा फसल अब भी पानी में है।'

उन्होंने कहा, 'भारी बाढ़ के कारण, हम फसल नहीं काट सके। मेरा घर भी बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त हो गया है।'मंगलवार को एएसडीएमए की रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन द्वारा स्थापित 346 राहत शिविरों में कुल 81,712 बाढ़ प्रभावित लोग रह रहे थे।

भारतीय रेल ने शुरू किया पुनर्निर्माण का काम

वहीं भारतीय रेलवे ने असम के बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित दीमा हसाओ जिले में क्षतिग्रस्त रेलवे बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए अपने बहाली कार्य शुरू कर दिए हैं। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफ रेलवे) के अनुसार, लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन ने 170 किलोमीटर लंबे लुमडिंग-बदरपुर खंड के तहत दीमा हसाओ में 60 स्थानों पर रेलवे नेटवर्क को क्षतिग्रस्त कर दिया था।

एनएफ रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) सब्यसाची डे ने एएनआई को बताया कि बाढ़ से नष्ट हुए स्थानों में से 10-11 कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, जहां रेलवे ने बहाली शुरू कर दी है। डे ने कहा, 'दीमा हसाओ जिले में हालिया बाढ़ और भूस्खलन ने इलाके में ट्रेन सेवाओं को प्रभावित किया है। लुमडिंग-बदरपुर 170 किलोमीटर लंबा खंड है और भूस्खलन और बाढ़ ने इस खंड में 60 स्थानों पर रेलवे नेटवर्क को नुकसान पहुंचाया है।'

30 जून तक के लिए कई ट्रैन रद्द

उन्होंने आगे कहा 'इन 60 स्थानों में से, हमने पहले ही 11 साइटों को बहाल कर दिया है और शेष क्षेत्रों के लिए काम चल रहा है। और शेष 49 स्थानों में से, 10-11 ऐसे स्थान कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जहां बहाली का काम जोरों पर चल रहा है।' एनएफ रेलवे के सीपीआरओ ने आगे बताया कि एनएफ रेलवे ने 26 जोड़ी ट्रेनों को रद्द कर दिया है और लगभग 28 जोड़ी ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द कर दिया है और रद्दीकरण 30 जून तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा, 'हमने बहाली का काम शुरू कर दिया है और इस पर लगभग 180 करोड़ रुपये की लागत आएगी। हम जल्द ही बहाली को पूरा करने का लक्ष्य बना रहे हैं।'हाल ही में रेल मंत्रालय ने पहाड़ी जिले में बाढ़ और भूस्खलन से तबाह हुए नेटवर्क को बहाल करने के काम के लिए 180 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।

इससे पहले, असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा ने 22 मई को नई दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की और 10 जुलाई तक दीमा हसाओ जिले में बहाली रेलवे नेटवर्क को पूरा करने का आश्वासन दिया।


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