Assam Flood: काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क बाढ़ से बेहाल, जावड़ेकर ने जानवरों के बचाव कार्य पर खुशी जताई
काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क के निदेशक पी शिवकुमार ने बताया था कि काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क का 80 फीसदी हिस्सा बाढ़ में डूब गया है।
दिसपुर, एजेंसी। असम में पिछले काफी दिनों से बाढ़ से हाल बेहाल है। राज्य के 33 में से 27 जिलों में लगभग 40 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इस साल राज्य में बाढ़ से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की कुल संख्या 97 हो गई है। इनमें बाढ़ के कारण 71 लोगों की मौत हो गई, जबकि 26 लोग भूस्खलन में मारे गए। हालात खराब है, NDRF की टीमें भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। राज्य में बाढ़ प्रभावित इलाकों में सड़कें गायब हैं, घरों में पानी और खाने पीने की परेशानी हो रही है। वहीं, इस समय सबसे बड़ी परेशानी जानवरों के लिए खड़ी हो गई है।
हाल ही में काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क के निदेशक, पी शिवकुमार ने बताया था कि काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क का 80 फीसदी हिस्सा बाढ़ में डूब गया है। बता दें कि बाढ़ जैसी स्थिति में जानवरों के लिए बहुत भारी संकट पैदा हो जाता है। जानवरों के लिए भी कई तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल असम में हालात को ठीक होने में समय लगेगा।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क के बारे में कुछ जानकारी साझा की। इसमें उन्होंने काजीरंगा में 121 जानवरों को बचाने में सफल रहने पर खुशी जताई हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार की भी सराहना की और कहा कि हम कीमती वन्यजीवों को बचाने के लिए और अधिक निर्माण कर रहे हैं।
मंत्री द्वारा काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क की एक वीडियो को भी री-ट्वीट किया गया। जिसमें बताया गया कि काजीरंगा नेशनल पार्क में बाढ़ के कारण एक मादा राइनो बछड़ा अपनी मां से अलग हो गया था। मंत्री द्वारा बछड़े को बचाने के लिए वन्यजीव पुनर्वास और संरक्षण केंद्र, CWRC का होसला बढ़ाया।
Due to high floods in Assam's #KazirangaNationalPark ,a female rhino calf was separated from her mother.
Kudos👍, to the efforts of forest officials and team CWRC for rescuing the young rhino. @PIB_India @DDNewslive @airnewsalerts @moefcc https://t.co/IL7qD0zTd3" rel="nofollow
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) July 17, 2020
बता दें कि नेशनल पार्क में 50 से ज्यादा जानवरों की जान चली है। पी शिवकुमार ने बुधवार को बताया था कि अब तक, 66 जानवरों की मौत हो चुकी है और 170 जानवरों को अब तक बचाया गया है। हालांकि, अब यह आंकड़ा बड़ा है। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और वहां मौजूद जानवरों का जायजा लिया। वह गोरकाटी, मोरा डिफालु और मुर फूलोनी में बाढ़ प्रभावित वन शिविरों में भी गए और वन रक्षकों के साथ बातचीत की, जो पार्क में जानवरों की निगरानी कर रहे हैं। सोनोवाल ने प्रशासन को निर्देश दिया कि बाढ़ के दौरान जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करें।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए सभी प्रयास किए हैं और कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए राहत शिविरों में सामाजिक सुरक्षा मानदंडों का पालन किया गया है। सोनोवाल ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के पास बरजुरी में सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ रिहैबिलिटेशन एंड कंजर्वेशन (सीडब्ल्यूआरसी) का भी दौरा किया और केंद्र में उपलब्ध जानवरों और सुविधाओं के लिए किए गए उपायों का जायजा लिया।